छत्तीसगढ़ में राहुल का बड़ा दांव, बिलासपुर रैली में दिखा अलग अंदाज, ऐसा क्या कर गए?

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30 Apr 2024 (अपडेटेड: Apr 30 2024 12:01 PM)

कांग्रेस नेता राहुल गांधी सोमवार को छत्तीसगढ़ में अलग अंदाज में नजर आए. इस दौरान उनके हाथों में संविधान की किताब भी नजर आई.

Rahul Gandhi, Devendra Yadav

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Rahul Gandhi in Chhattisgarh: कांग्रेस नेता राहुल गांधी सोमवार को छत्तीसगढ़ में अलग अंदाज में नजर आए. इस दौरान उनके हाथों में संविधान की किताब भी नजर आई. कांग्रेस नेता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके वैचारिक संरक्षक आरएसएस संविधान को तोड़ना और बदलना चाहते हैं, जो गरीबों को अधिकार देता है और उनके भविष्य की रक्षा करता है, लेकिन लोग उनके इरादों से पूरी तरह वाकिफ हैं.

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कांग्रेस के बिलासपुर लोकसभा उम्मीदवार देवेन्द्र यादव के समर्थन में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के सकरी गांव में एक रैली को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा कि अकेले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही नहीं, दुनिया की कोई भी ताकत देश के संविधान को अस्वीकार या तोड़ नहीं सकती है. बता दें कि बिलासपुर और छत्तीसगढ़ की 6 अन्य लोकसभा सीटों पर तीसरे चरण में 7 मई को मतदान होगा.

उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री, भाजपा नेता और आरएसएस संविधान को नष्ट करना और बदलना चाहते हैं. वे संविधान को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि कांग्रेस इसकी रक्षा करने की कोशिश कर रही है. यह लोकसभा चुनाव कोई सामान्य चुनाव नहीं है यह संविधान, आरक्षण और गरीबों के अधिकार लोकतंत्र को बचाने का चुनाव है."

कांग्रेस नेता ने कहा कि संविधान केवल एक किताब नहीं है बल्कि एक सम्मानित दस्तावेज है जो गरीबों के अधिकारों, उनके भविष्य के साथ-साथ उनकी आवाज और जीवन जीने के तरीके की रक्षा करता है.

बीजेपी पर लगाया आरोप

गांधी ने दावा किया, "भाजपा नेता कह रहे हैं कि वे सत्ता में वापस आने के बाद संविधान को खत्म कर देंगे और आरक्षण खत्म कर देंगे. अगर आरक्षण, जिसका संविधान में वादा किया गया है, छीन लिया गया, तो आदिवासी भाइयों की जल-जंगल-जमीन (जल-जंगल और जमीन) खत्म हो जाएगी, गायब हो जाएगा.''

वायनाड से लोकसभा सांसद ने आरोप लगाया कि भाजपा की विचारधारा महात्मा गांधी, पंडित नेहरू और बाबासाहेब अंबेडकर जैसे दिग्गजों की नहीं है, बल्कि यह "अडानी और अंबानी" जैसे चुनिंदा लोगों का समर्थन करने के बारे में है.

आरक्षण पर जमकर बोले

गांधी ने कहा, "वे (भाजपा) कहते हैं कि वे आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं. आरक्षण का मतलब है कि पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों को देश में हिस्सेदारी मिलनी चाहिए. जब वे सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई का निजीकरण करते हैं, तो वे आरक्षण समाप्त कर देते हैं. जब वे एक अनुबंध प्रणाली लागू करते हैं, तो वे आरक्षण समाप्त करते हैं. जब उन्होंने अग्निवीर (सशस्त्र बलों में अल्पकालिक भर्ती की अग्निपथ योजना) जैसी योजना शुरू की, उन्होंने आरक्षण समाप्त कर दिया.''

निजीकरण पर किया बीजेपी को चैलेंज

कांग्रेस के स्टार प्रचारक ने भाजपा नेताओं से स्पष्ट रूप से यह कहने को कहा कि निजीकरण उनके एजेंडे में नहीं है.

उन्होंने कहा, ''मैं भाजपा नेताओं को यह कहने की चुनौती देता हूं कि वे सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण नहीं करेंगे या वे आगे बढ़ेंगे और किसानों का कर्ज माफ करेंगे.''

 

भाजपा शासन में लोकतंत्र और संविधान पर हमला हो रहा है

कांग्रेस सांसद ने कहा कि लोगों को एहसास हो गया है कि भाजपा शासन में लोकतंत्र और संविधान पर हमला हो रहा है.

क़ानून की किताब की एक प्रति लहराते हुए राहुल ने कहा, "इस लोकसभा चुनाव में लोगों को एहसास हुआ है कि लोकतंत्र, संविधान, आरक्षण और पीएसयू पर हमला हो रहा है. वे समझ गए हैं कि बीजेपी, पीएम और आरएसएस संविधान को खत्म करना चाहते हैं, जिसके बिना गरीबों के लिए कुछ भी नहीं बचेगा."

गांधी ने कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित 50 प्रतिशत की सीमा को हटा देगी.

अब 400 पार नहीं बोलते पीएम मोदी

लोकसभा चुनाव के दो चरणों के बाद भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री पहले बार-बार "400 पार" (भगवा पार्टी के नेतृत्व वाले राजग को 400 से अधिक सीटें मिलने) के बारे में बोल रहे थे, लेकिन "क्या वह अब ऐसा नहीं कह रहे हैं? "

अब, वे बयान दे रहे हैं कि वे संविधान, आरक्षण या लोकतंत्र के खिलाफ नहीं हैं, क्योंकि उन्हें एहसास हो गया है कि देश के लोग उनके इरादे को समझ गए हैं.''

गांधी ने जोर देकर कहा, "दलित, आदिवासी, पिछड़े, सामान्य जाति के गरीब, अल्पसंख्यक लोग, हम सब मिलकर इस संविधान की रक्षा करने जा रहे हैं. इसे कोई ख़त्म नहीं कर सकता, कोई इसे बदल नहीं सकता. कांग्रेस नेता ने दावा किया कि महज एक फीसदी आबादी देश की 40 फीसदी संपत्ति पर नियंत्रण रखती है और मोदी पर ऐसे अमीर लोगों का पक्ष लेने का आरोप लगाया.

पीएम पर कसा तंज

राहुल गांधी ने कहा, "उन्होंने 22 लोगों को 16 लाख करोड़ रुपये दिए, इसका मतलब है कि उन्होंने 22 लोगों को 24 साल की मनरेगा (मजदूरी) का पैसा सौंप दिया. सिर्फ 22 लोगों के पास 70 करोड़ भारतीयों के बराबर संपत्ति है. भारत के एक प्रतिशत लोग 40 प्रतिशत संपत्ति को नियंत्रित करते हैं. ये नरेंद्र मोदी जी की देन है."

जनता से किया ये वादा

गांधी ने कहा कि अगर कांग्रेस और उसके सहयोगी दल केंद्र में सत्ता में आए, तो वे देश में गरीब परिवारों की एक सूची बनाएंगे और 'महालक्ष्मी योजना' के तहत ऐसे प्रत्येक परिवार की एक महिला के बैंक खाते में सालाना 1 लाख रुपये ट्रांसफर करेंगे. '

उन्होंने कहा, "यह एक क्रांतिकारी योजना होगी जिसका प्रयास दुनिया के किसी भी देश ने पहले कभी नहीं किया होगा."

कांग्रेस सांसद ने कहा कि देश में बेरोजगारी दर 45 साल के उच्चतम स्तर पर है और उन्होंने सत्ता में आने पर प्रमुख मुद्दे से निपटने का संकल्प लिया.

"सत्ता में आने पर हम युवाओं को प्रशिक्षुता का अधिकार देंगे. सभी शिक्षित युवाओं को सरकारी या निजी कंपनियों में एक वर्ष की प्रशिक्षुता और 1 लाख रुपये वार्षिक वजीफा मिलेगा. यह योजना एक प्रशिक्षित कार्यबल प्रदान करेगी और बेरोजगारी की दीवार को तोड़ देगी."

गांधी ने टिप्पणी की, "जब हम महालक्ष्मी और प्रशिक्षुता योजनाओं के बारे में बात करते हैं, तो मीडिया उन्हें उजागर नहीं करता है. क्या आपने कभी किसी समाचार एंकर को महंगाई या किसान मुद्दों के बारे में बोलते देखा है? वे कभी भी पिछड़ों, दलितों या सामान्य जातियों के गरीबों के बारे में बात नहीं करते हैं. वे केवल बात करते हैं अरबपति की.'' उन्होंने सभा को आश्वासन दिया कि अगर पार्टी सत्ता में आई, तो कांग्रेस और इंडिया ब्लॉक कृषि ऋण माफ कर देंगे और कृषि उपज पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देंगे.

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