बलौदाबाजार आगजनी: सरकार का बड़ा एक्शन! नप गए कलेक्टर और एसपी
छत्तीसगढ़ सरकार ने आईएएस अधिकारी केएल चौहान और आईपीएस अधिकारी सदानंद कुमार को निलंबित कर दिया है.
ADVERTISEMENT
Balodabazar Violence: छत्तीसगढ़ सरकार ने आईएएस अधिकारी केएल चौहान और आईपीएस अधिकारी सदानंद कुमार को निलंबित कर दिया है. इस सप्ताह जिला मुख्यालय में आगजनी के मद्देनजर क्रमश: बलौदाबाजार-भाटापारा के कलेक्टर और एसपी के पद से हटा दिया गया था. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
सामान्य प्रशासन और गृह विभाग ने गुरुवार देर रात उनके निलंबन के आदेश जारी किए. आदेशों के अनुसार, चौहान और कुमार ने जिले में सतनामी समुदाय के ‘जैतखाम’ को नुकसान पहुंचाने के बाद कथित तौर पर उचित कार्रवाई नहीं की.
क्या है मामला?
अज्ञात व्यक्तियों ने 15-16 मई की मध्यरात्रि को बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के गिरौदपुरी धाम में पवित्र अमर गुफा के पास सतनामी समुदाय द्वारा पूजे जाने वाले पवित्र प्रतीक ‘जैतखाम’ या ‘जय स्तंभ’ को क्षतिग्रस्त कर दिया था.
ADVERTISEMENT
पुलिस ने बाद में घटना के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया.
धार्मिक ढांचे में कथित तोड़फोड़ के विरोध में समुदाय ने 10 जून को बलौदाबाजार के दशहरा मैदान में प्रदर्शन और कलेक्टर कार्यालय का घेराव करने का आह्वान किया था. विरोध प्रदर्शन के दौरान भीड़ ने बलौदाबाजार शहर में एक सरकारी कार्यालय और 150 से अधिक वाहनों में आग लगा दी.
ADVERTISEMENT
अगले दिन (11 जून) राज्य सरकार ने बलौदाबाजार के तत्कालीन कलेक्टर केएल चौहान और तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (एसपी) सदानंद कुमार को बिना कोई विभाग दिए सचिवालय और पुलिस मुख्यालय में स्थानांतरित कर दिया.
ADVERTISEMENT
निलंबन आदेश में क्या कहा गया?
दोनों अधिकारियों के निलंबन आदेशों के अनुसार, पिछले महीने सतनामी समुदाय के धार्मिक ढांचे को नुकसान पहुंचाने के बाद जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा उचित कार्रवाई नहीं किए जाने की शिकायत के बाद उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई लंबित थी. चौहान राज्य कैडर सेवा के अधिकारी हैं, जिन्हें 2009 में आईएएस से सम्मानित किया गया था, जबकि कुमार 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं.
आदेशों में कहा गया है कि दोनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
बीजेपी-कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप जारी
पुलिस ने मंगलवार को कहा था कि आगजनी के सिलसिले में सात प्राथमिकी दर्ज की गई हैं और उन्होंने आगजनी में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए 12 टीमें बनाई हैं. छत्तीसगढ़ के खाद्य मंत्री दयालदास बघेल और राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेताओं पर विरोध प्रदर्शन के दौरान भीड़ को उकसाने का आरोप लगाया था. मंत्री बघेल ने आरोप लगाया था, "शांति और भाईचारे का संदेश देने वाले सतनामी समुदाय द्वारा ऐसा अपराध कभी नहीं किया जा सकता... यह कांग्रेस की एक सुनियोजित साजिश का नतीजा था."
मंत्री ने कहा कि आगजनी में शामिल 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है. कांग्रेस ने अपने पार्टी नेताओं के खिलाफ आरोपों को निराधार और राज्य सरकार की विफलता और अक्षमता को छिपाने का प्रयास बताया था. इस बीच, राज्य सरकार ने गुरुवार को घटना की जांच के लिए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश सीबी बाजपेयी की अध्यक्षता में एक सदस्यीय न्यायिक आयोग नियुक्त किया. उन्होंने बताया कि आयोग तीन महीने के भीतर राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा.
ADVERTISEMENT