मणिपुर हिंसा के खिलाफ बस्तर बंद को मिला लोगों का समर्थन, सर्व आदिवासी समाज ने की थी अपील
मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई घटना के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों से विरोध की आवाजें सुनाई दे रही हैं. इस बीच छत्तीसगढ़ के…
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मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई घटना के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों से विरोध की आवाजें सुनाई दे रही हैं. इस बीच छत्तीसगढ़ के बस्तर में भी सर्व आदिवासी समाज ने सोमवार को नगर बंद का आव्हान किया. आदिवासी समाज की अपील का असर शहर में देखने को मिल रहा है. इस बंद को व्यापारियों से लेकर आमजनों तक ने अपना समर्थन दिया . व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद रखते हुए मणिपुर में हुई घटना का विरोध किया. यह बंद दोपहर दो बजे तक रहेगा.
बता दें कि मणिपुर की घटना को लेकर आदिवासी समाज काफी आक्रोशित है. बस्तर चेंबर ऑफ कॉमर्स ने बंद को समर्थन दिया और दोपहर 2:00 बजे तक बंद कर रखने की बात कही.घटना के खिलाफ सर्व आदिवासी समाज ने जहां बस्तर बंद का आह्वान किया वहीं इसको लेकर सर्व आदिवासी समाज ने 2 दिन पूर्व ही कैंडल मार्च निकालकर अपना विरोध जताया था.
आदिवासी समाज की अपील पर आज जगदलपुर शहर के सभी प्रतिष्ठानें पूरी तरह से बंद रही. इस दौरान जगदलपुर के अलावा कोण्डागांव, बीजापुर, सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा और कांकेर भी पूरी तरह से बंद दिखा. जगदलपुर शहर की सड़कें पूरी तरह सुनसान नजर आई.
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बंद को सफल बनाने के लिए सड़कों पर निकले सर्व आदिवासी समाज के लोगों ने छोटी दुकानों को भी बंद कराया. रैली की शक्ल में पूरे शहर में भ्रमण करते हुए उनके द्वारा देश के प्रधानमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा.
गौरतलब है कि भाजपा शासित मणिपुर में मैतई जनजाति और कुकी के बीच हिंसात्मक टकराव का दौर चल रहा है. इस बीच इस पूर्वोत्तर राज्य में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने से संबंधित वीडियो वायरल होने के बाद केंद्र सरकार विपक्षियों के निशाने पर आ गई.
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हालांकि पीएम मोदी ने मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर कहा कि वह इस घटना से बहुत दुखी हैं और इस मामले में दोषियों को बिल्कुल भी बख्शा नहीं जाएगा. इसी के साथ पीएम ने मणिपुर से पहले राजस्थान और छत्तीसगढ़ का भी नाम लिया और कहा कि वह सभी मुख्यमंत्रियों से अपील करते हैं कि अपने-अपने राज्यों में कानून व्यवस्था मजबूत करें. घटना चाहे राजस्थान की हो, छत्तीसगढ़ की हो या मणिपुर की हो, कानून व्यवस्था कायम करें, जहां पर नारी का सम्मान किया जाए.
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पीएम के इस बयान को भी विपक्षी दलों ने राजनीति से प्रेरित बताया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि तीन महीने से मणिपुर जल रहा है लेकिन पीएम मोदी तीन महीने में मणिपुर को लेकर कुछ भी नहीं बोले. पहली बार मीडिया के सामने आए और 36 सेकंड बात की. इस दौरान भी उन्होंने मणिपुर के बारे में कुछ नहीं बोला बल्कि छतीसगढ़ और राजस्थान को लपेट लिया. छतीसगढ़ और राजस्थान में चुनाव है इसलिए दोनों प्रदेशों की तुलना की.
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