‘बस्तर टाइगर’ कर्मा की जयंती आज, बघेल ने दी श्रद्धांजलि; बैज ने बताया वंचितों का नेता
Bastar Tiger Mahendra Karma’s Birth Anniversary- बस्तर टाइगर के नाम से मशहूर कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे महेंद्र कर्मा की शनिवार को जयंती है. इस…
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Bastar Tiger Mahendra Karma’s Birth Anniversary- बस्तर टाइगर के नाम से मशहूर कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे महेंद्र कर्मा की शनिवार को जयंती है. इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया. इस दौरान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज (Deepak Baij) भी वहां मौजूद रहे. बघेल ने कहा कि कर्मा के विचार और जीवन मूल्य उन्हें हमेशा प्रेरित करते रहेंगे.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट किया, “आज जनप्रिय नेता, ‘बस्तर टाइगर’ शहीद महेंद्र कर्मा जी की जयंती पर हम सब कोटि-कोटि नमन करते हुए उनका पावन स्मरण करते हैं. छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के नेता और मंत्री के रूप में महेन्द्र कर्मा जी ने महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाली और छत्तीसगढ़ की प्रगति में अपना अमूल्य योगदान दिया.”
उन्होंने आगे कहा कि वे सिर्फ एक राजनेता नहीं थे, बल्कि एक बेहद संवेदनशील, जागरूक और भावुक इंसान भी थे. कर्मा जी आदिवासियों के हक की हर लड़ाई में दमदारी से अपनी बात रखते थे. उनके जैसे निःस्वार्थ व्यक्ति और पारदर्शी मित्र का साथ मिलना मेरे लिए सौभाग्य की बात है. कर्मा जी ने जीवन के अंतिम क्षण तक आदिवासियों की बेहतरी के लिए संघर्ष किया. झीरम घाटी नक्सल हमले में उनकी शहादत छत्तीसगढ़ भुला नहीं पाएगा.
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बघेल ने बताया कि उनकी स्मृतियों को चिरस्थाई बनाने के लिए राज्य सरकार ने बस्तर विश्वविद्यालय का नामकरण उनके नाम पर किया है और उनके नाम पर प्रदेश के तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना प्रारंभ की गई है.
उन्होंने कहा, “कर्मा जी के विचार और जीवन मूल्य हमें हमेशा प्रेरित करते रहेंगे.”
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वहीं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने भी उनको याद किया. उन्होंने ट्वीट किया कि वंचित वर्गो की मजबूत आवाज बस्तर टाईगर शहीद महेंद्र कर्मा की जयंती पर नमन.
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कौन थे कर्मा?
दिग्गज आदिवासी कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा का जन्म 5 अगस्त 1950 को दंतेवाड़ा के दाराबोडा कर्मा में हुआ था. 2004 से 2008 तक वे छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के नेता थे. 2005 में उन्होंने छत्तीसगढ़ में माओवादी समूह नक्सलियों के विरूद्ध ‘सलवा जुडूम’ आंदोलन के आयोजन में एक अहम भूमिका निभाई. कर्मा 2000 से 2004 में राज्य गठन के बाद से अजीत जोगी कैबिनेट में उद्योग और वाणिज्य मंत्री थे. 25 मई 2013 को सुकमा में नक्सलियों ने उनकी पार्टी द्वारा आयोजित परिवर्तन रैली से लौटते समय हत्या कर दी. इस दौरान कांग्रेस के और भी कई दिग्गज नेता नक्सली हमले का शिकार बने थे.
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