Bemetara Blast: कंपनी मृतकों और लापता मजदूरों के परिजनों को देगी 30-30 लाख, लेकिन अब भी FIR का इंतजार…
छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में बारूद बनाने वाली फैक्ट्री में हुए भीषण विस्फोट के कुछ दिनों बाद स्थानीय प्रशासन ने बुधवार को यूनिट में उत्पादन और "संबद्ध गतिविधियों" को बंद करने का आदेश दिया. वहीं फैक्ट्री प्रबंधन एक मृतक और आठ लापता श्रमिकों के परिजनों को 30-30 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देगा.
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Bemetara Blast: छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में बारूद बनाने वाली फैक्ट्री में हुए भीषण विस्फोट के कुछ दिनों बाद स्थानीय प्रशासन ने बुधवार को यूनिट में उत्पादन और "संबद्ध गतिविधियों" को बंद करने का आदेश दिया. वहीं फैक्ट्री प्रबंधन एक मृतक और आठ लापता श्रमिकों के परिजनों को 30-30 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देगा.
कांग्रेस ने जहां मृतकों के परिजनों को एक करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी देने की मांग की थी वहीं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि फैक्ट्री प्रबंधन एक मृतक और आठ लापता श्रमिकों के परिजनों को 30-30 लाख रुपए की आर्थिक मदद करेगा.
सीएम साय ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि विस्फोटक कंपनी का प्रबंधन एक मृतक और 8 लापता श्रमिकों के परिवारों को 30-30 लाख रुपये देगा. उन्होंने कहा, "छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से घोषित प्रत्येक मृतक के परिजनों को 5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता उक्त राशि के अतिरिक्त होगी."
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25 मई को हुआ था बड़ा हादसा
बता दें कि 25 मई को बेरला विकास खंड के पिरदा गांव के पास स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड में हुए विस्फोट में एक व्यक्ति की मौत हो गई और कम से कम छह लोग घायल हो गए. यहां बचावकर्मियों को मलबे में शव के अंग भी मिले थे.
जिला प्रशासन के अनुसार, लापता लोगों की पहचान के लिए शव के अंगों को डीएनए जांच के लिए भेजा गया है.
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फैक्ट्री में अभी नहीं होगा उत्पादन
बेमेतरा कलेक्टर रणबीर शर्मा ने बुधवार को एक आदेश में कहा, "स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड में हुए विस्फोट में कई लोगों की जान चली गई है. घटना के बाद जन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आगामी आदेश तक फैक्ट्री में उत्पादन और संबंधित गतिविधियों को बंद रखने का आदेश दिया गया है. फैक्ट्री प्रबंधन को वहां रखे विस्फोटक पदार्थों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी.
मजिस्ट्रियल जांच के आदेश जारी
जिला प्रशासन ने राज्य सरकार की पूर्व घोषणा के अनुसार घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश भी जारी कर दिए हैं. सोमवार को जारी आदेश के अनुसार बेमेतरा जिले के अनुविभागीय दंडाधिकारी (बेरला क्षेत्र) पिंकी मनहर को मजिस्ट्रियल जांच का जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है. जांच के कार्यक्षेत्र में विस्फोट का कारण, फैक्ट्री प्रबंधन के किए गए सुरक्षा उपायों की जांच, लाइसेंस, भंडारण और उपयोग का विवरण, घटना के संबंध में कोई गलती या लापरवाही पाए जाने पर जिम्मेदारी निर्धारित करना शामिल है. जांच अधिकारी को 45 दिनों के भीतर रिपोर्ट देनी होग.
पहले क्या बोले थे अधिकारी?
अधिकारियों ने पहले कहा था कि मजिस्ट्रियल जांच के बाद घटना के संबंध में एफआईआर दर्ज की जाएगी. राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है. कलेक्टर ने पहले कहा था कि फैक्ट्री प्रबंधन को आठ लापता श्रमिकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया गया है.
उन्होंने कहा था कि मलबे में मिले शवों के डीएनए परीक्षण के बाद राज्य सरकार द्वारा मृतकों के लिए घोषित मुआवजा लापता श्रमिकों के परिजनों को दिया जाएगा.
एक करोड़ का मुआवजा और एफआईआर की मांग
इस बीच, पूर्व सीएम भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत समेत कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने इस मामले में एफआईआर की मांग की है. भूपेश बघेल ने इसे लेकर सीएम साय से पांच सवाल भी पूछे हैं, जिसमें उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसे बचा रही है? वरिष्ठ कांग्रेस नेता चरण दास महंत ने मृतकों के परिजनों को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी देने की मांग की. उन्होंने यूनिट के प्रबंधक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की भी मांग की. विधानसभा में विपक्ष के नेता महंत ने कहा था कि विस्फोट राज्य सरकार की लापरवाही के कारण हुआ. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और राज्य के श्रम मंत्री गहरी नींद में हैं और उनके पास दुर्घटना स्थल पर जाकर मृतकों के परिजनों को संवेदना व्यक्त करने का समय नहीं है.
उन्होंने एक बयान में कहा था कि राज्य को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि फैक्ट्री प्रबंधन मृतकों के परिजनों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा दे. उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार को मृतकों के परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी देनी चाहिए.
उन्होंने दावा किया कि चार दिन बीत जाने के बावजूद पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की है, जिससे साफ पता चलता है कि राज्य सरकार दोषियों को बचाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि फैक्ट्री के मालिक और मैनेजर को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए और मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाना चाहिए.
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