जानें CGPSC स्कैम की पूरी ABCD, CBI की FIR में किनका नाम? अब गहराई राजनीति
छत्तीसगढ़ की सियासत में एक बार फिर छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग यानी CGPSC की चर्चा होने लगी है. दरअसल, सीबीआई ने सीजीपीएससी के पूर्व अध्यक्ष और अन्य के खिलाफ कथित "भाई-भतीजावाद" रैकेट के संबंध में एफआईआर दर्ज की है.
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CGPSC recruitment scam- छत्तीसगढ़ की सियासत में एक बार फिर छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग यानी CGPSC की चर्चा होने लगी है. दरअसल, सीबीआई ने सीजीपीएससी के पूर्व अध्यक्ष और अन्य के खिलाफ कथित "भाई-भतीजावाद" रैकेट के संबंध में एफआईआर दर्ज की है. इस मामले में आरोप है कि कांग्रेस शासन के दौरान राजनेताओं, पीएससी अधिकारियों और लोक सेवकों के "अपात्र" परिवार के सदस्यों को आकर्षक सरकारी नौकरियों में भर्ती किया गया था.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अधिकारियों ने कहा कि सीजीपीएससी के पूर्व अध्यक्ष तमन सिंह सोनवानी, इसके पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव और एक परीक्षा नियंत्रक पर अपने बेटों, बेटियों, रिश्तेदारों और परिचितों को डिप्टी कलेक्टर, डिप्टी एसपी और ऐसे अन्य पदों पर भर्ती सुनिश्चित करने के लिए मेरिट सूची में उच्च अंक दिलाने में मदद करने के लिए मामला दर्ज किया गया है.
आरोप है कि 2022 सीजीपीएससी परीक्षा में हेराफेरी हुई, जिसके नतीजे 11 मई, 2023 को घोषित किए गए.
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रायपुर और भिलाई में छापेमारी
एजेंसी ने सोमवार को रायपुर और भिलाई में सोनवानी, ध्रुव और अन्य के आवासीय परिसरों की तलाशी ली. सीबीआई ने छत्तीसगढ़ सरकार के 16 फरवरी के संदर्भ पर जांच अपने हाथ में ले ली है.
सीबीआई प्रवक्ता ने क्या कहा?
सीबीआई के प्रवक्ता ने बताया कि प्रक्रिया के अनुसार, एजेंसी ने एफआईआर को फिर से दर्ज किया, जिसकी पहले राज्य पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने जांच की थी.
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-एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारियों और प्रमुख राजनेताओं के परिवार के सदस्य भर्ती के मुख्य लाभार्थी थे.
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-सोनवानी के पांच परिवार के सदस्य - जिनमें बेटा नितेश और बहू निशा कोसले डिप्टी कलेक्टर, बड़े भाई का बेटा साहिल डिप्टी एसपी, बहू दीपा आदिल जिला आबकारी अधिकारी और बहन की बेटी सुनीता जोशी श्रम अधिकारी के रूप में भर्ती प्रक्रिया में लाभार्थी थे.
-सीबीआई प्रवक्ता के अनुसार, "यह भी आरोप लगाया गया है कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग, छत्तीसगढ़ के तत्कालीन सचिव (ध्रुव) ने अपने बेटे (सुमित) को डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित करवाया."
-शिकायत, जो अब सीबीआई की एफआईआर का हिस्सा है, इसमें आरोप लगाया गया है कि क्रम संख्या 1-171 से मेरिट में जगह बनाने वाले उम्मीदवार कथित तौर पर सरकारी अधिकारियों, राजनेताओं और प्रभावशाली व्यक्तियों से संबंधित हैं. इसमें छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के सचिव अमृत कुमार क्षोभ के बेटे निखिल और बेटी नेहा, बस्तर नक्सल ऑपरेशन के डीआईजी पीएल ध्रुव की बेटी साक्षी, एक कांग्रेस नेता की बेटी अनन्या अग्रवाल, वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुधीर कटियार की बेटी भूमिका कटियार और दामाद शशांक गोयल, कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला की बेटी स्वर्णिम शुक्ला और एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजेंद्र कुमार कौशिक के बेटे सहित डिप्टी कलेक्टरों की सूची दी गई है.
-शिकायत में आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस नेताओं के सहयोगियों के रिश्तेदार, जिनमें प्रज्ञा नायक, जिन्हें डिप्टी कलेक्टर के रूप में चुना गया था; प्रखर नायक, जिन्हें वित्तीय सेवा अधिकारी के रूप में चुना गया था; और खुशबू बिजौरा, जिन्हें डिप्टी कलेक्टर के रूप में चुना गया था, वे भी कथित घोटाले के लाभार्थी थे.
-शिकायत में यह भी आरोप है कि यदि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के किसी अधिकारी के रिश्तेदार परीक्षा में बैठते हैं, तो संबंधित व्यक्ति को आयोग के अन्य सदस्यों और अधिकारियों को सूचित करने के बाद खुद को इस प्रक्रिया से अलग करना होता है, जो सोनवानी ने नहीं किया. आरोप है कि सोनवानी ने नियमों का उल्लंघन किया और अपने परिवार के सदस्यों और अन्य अधिकारियों और प्रभावशाली व्यक्तियों के रिश्तेदारों का चयन किया, जिसे "भ्रष्टाचार" माना जाता है.
-शिकायत में आरोप लगाया गया है कि "परीक्षा में अच्छे अंक लाने वाले उम्मीदवार पीएससी अधिकारियों, सरकारी अधिकारियों और राजनेताओं के रिश्तेदार हैं. इससे पता चलता है कि उम्मीदवारों को पहले से ही परीक्षा का पेपर उपलब्ध करा दिया गया था, जिससे उन्हें अच्छे अंक मिले और परिणामों में अच्छी रैंक मिली."
गरमाई राजनीति, चौधरी ने किया बड़ा दावा...
बता दें कि कथित सीजीपीएससी स्कैम का मुद्दा पूरे विधानसभा चुनाव में छाया रहा. बीजेपी नेता ननकी राम कंवर और वर्तमान में वित्तमंत्री की जिम्मेदारी निभाने वाले ओपी चौधरी इस पूरे मामले पर तब की बघेल सरकार को घेरते दिखे थे. नवंबर 2023 में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने कांग्रेस को छत्तीसगढ़ की सत्ता से बाहर कर दिया और अब सीबीआई की एफआईआर के बाद एक बार फिर विपक्षी कांग्रेस पर सत्तारूढ़ बीजेपी ने जमकर हमला बोला.
ओपी चौधरी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले पांच साल में कांग्रेस ने माफिया राज चलाया था. पीएससी में माफिया राज था. हमारी पार्टी ने घोषणा की थी कि हमारी सरकार बनने पर इसकी जांच होगी. छत्तीसगढ़ के युवा जिनके साथ अन्याय हुआ था, उनके साथ अब न्याय होगा. जिन्होंने गलत किया उनके लिए सबक होगी.
चौधरी ने दावा किया कि कांग्रेस ने जितनी भर्ती की उससे ज्यादा भर्तियां बीजेपी के कार्यकाल में होगा. पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ ये भर्तियां होंगी.
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