सीएम बघेल ने दी ‘हरेली तिहार’ की शुभकामनाएं, कहा- हमारी संस्कृति हो रही थी नष्ट, हमने किया इसे संरक्षित करने का प्रयास
पूरा छत्तीसगढ़ सोमवार को अपना पहला त्यौहार हरेली मना रहा है. इस मौके पर राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी है.…
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पूरा छत्तीसगढ़ सोमवार को अपना पहला त्यौहार हरेली मना रहा है. इस मौके पर राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी है. वहीं मुख्यमंत्री बघेल ने अपने निवास में सपरिवार कृषि यंत्रों की पूजा कर इस साल अच्छी खेती और प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि और खुशहाली की भी कामना की है.बघेल ने कहा कि हमारी संस्कृति नष्ट हो रही थी जिसे संरक्षित करने का प्रयास उनकी सरकार ने किया है.
उन्होंने कहा, “हमारे पूर्वजों द्वारा बरसों से तैयार की गई हमारी संस्कृति नष्ट हो रही थी. इसे संरक्षित करने का प्रयास हमने किया है.”
उन्होंने कहा कि हरेली पर किसान अपने कृषि औजारों की पूजा करते हैं. आज जिनके घर भी गाय है उनकी पूजा हो रही है. यही समृद्धि का रास्ता है. हरेलि त्यौहार केवल गेड़ी चढ़ने का त्यौहार नहीं है यह उत्साह का त्यौहार है. इसके लिए वातावरण बनाना होता है.यह तब होता है जब किसान खुशहाल हो.
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मुख्यमंत्री आवास पर भी हरेली त्यौहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. बघेल ने इसे मौके पर अत्याधुनिक तकनीक से जन्मी बछिया और साहीवाल प्रजाति की उसकी मां की पूजा-अर्चना की और उन्हें घास खिलाई.
बता दें कि हरेली से एक दिन पहले भी राज्यवासियों के लिए बधाई संदेश जारी किया था.इसमें उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने हरेली त्यौहार के दिन सार्वजनिक अवकाश भी घोषित किया है. इसके पीछे राज्य सरकार की मंशा छत्तीसगढ़ के लोगों को अपनी परंपरा और संस्कृति से जोड़ना है. यह खुशी की बात है कि छत्तीसगढ़ के लोक पर्व हरेली का उत्साह और उमंग अब विदेशों में भी रंग जमाने लगा है.
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बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी संस्कृति और परम्परा को सहेजने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं. बता दें कि हरेली के दिन ही तीन साल पहले प्रदेश की महत्वाकांक्षी ‘गोधन न्याय योजना’ का शुभारंभ हुआ है. पिछले साल 2022 में हरेली तिहार के दिन ‘‘गो-मूत्र खरीदी’’ शुरू की गई है. वहीं इस साल हरेली तिहार के दिन से छत्तीगढ़िया ओलंपिक भी शुरू किया जा रहा है.
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