छत्तीसगढ़: 28 लाख के गौठान में 32 गायों की मौत! भाजपा बोली- मवेशियों का कब्रगाह

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Cows died in Chhattisgarh’s Gauthan- गाय, गोबर और गौठान की गूंज छत्तीसगढ़ की सियासत में बखूबी सुनी जा सकती है. सत्तारूढ़ कांग्रेस जहां इसे अपनी उपलब्धियों की फेहरिस्त में शुमार करती है. वहीं भाजपा इन्हीं मोर्चों पर बघेल सरकार को घेरने से नहीं चूकती. इस बीच अब जांजगीर-चांपा जिले के खरौद नगर पंचायत से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है. खरौद में 28 लाख रूपए से निर्मित गौठान में कथित तौर पर 32 गायों की मौत हो गई है. ग्रामीणों का आरोप है कि गायों की मौत यहां की बदहाली और भूख-प्यास से हुई है. हालांकि प्रारंभिक जांच में 7 जानवरों की मौत की पुष्टि जिला प्रशासन ने की है. लेकिन इन मवेशियों के गौठान में मौत होने से इनकार भी किया है. फिलहाल इस मामले में जिला प्रशासन की ओर से जांच के आदेश दिए गए हैं.

छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत राम सुन्दर दास के निवास से महज पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित खरौद नगर पंचायत के गौठान में बड़ी तादाद में गायों की मौत से सनसनी फैल गई है. खरौद नगर पंचायत के पार्षदों और स्थानीय लोगों ने नगर पंचायत प्रशासन पर गौठान में लापरवाही की वजह से 32 मवेशियों की मौत होने का दावा किया है. उन्होंने सोमवार को मामले का खुलासा होने पर रातोरात मृत मवेशियों को दफनाने का भी आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया कि भूख-प्यास की वजह से गौठान के भीतर गायों की मौत हुई है.

खरौद में रहने वाले राम साय यादव बताते हैं कि गायों की मौत भूख-प्यास की वजह से हुई है. उन्होंने बदहाली के लिए नगर पंचायत पर आरोप लगाते हुए कहा, “यहां के गौठान में कोई व्यवस्था नहीं है. न चारा है न पैरा है. रोज यहां गाय मरती है. नगर पंचायत की ओर से बेहद लापरवाही की जा रही है.”

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न शेड, न चारा… ऐसा है 28 लाख का गौठान

इस गौठान को बनाने में नगर पंचायत ने 28 लाख रूपये खर्च किए लेकिन यहां पर ना चारा की व्यवस्था है और ना ही पानी का इंतजाम. धूप और बारिश से गायों को बचाने के लिए शेड भी नहीं है. बिजली के खंभों (पोल) में कनेक्शन नहीं है. जबकि यहां 150 मवेशियों को रखा गया है. राम साय यादव बताते हैं कि घटना के बाद अब एक ट्रैक्टर पैरा और एक टैंकर पानी की व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा, “हम लोग बहुत परेशान हैं. जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.”

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मौत के आंकड़ों पर बवाल, लीपापोती का लगा आरोप

खरौद नगर पंचायत के वार्ड 9 के पार्षद इंद्र कुमार देवांगन और स्थानीय लोगों ने गौठान में अब तक 32 मवेशियों की मौत का दावा किया है, वहीं गौठान के चौकीदार ने पांच मवेशियों के मरने की बात कही है. दूसरी ओर प्रशासन की ओर से दावा किया जा रहा है कि गौठान के पीछे पड़े मृत मवेशियों को सड़क हादसे और दूसरे स्थान से लेकर डाला गया है. जबकि पार्षद ने कहा कि उन्होंने खुद मृत मवेशियों का वीडियो बनाया है और जिला प्रशासन से इसकी शिकायत की. सोमवार की रात तहसीलदार आईं और रात में ही जांच कर मृत मवेशियों को गौठान से दूर जमीन में दफ़न कर दीं. उन्होंने आरोप लगाया कि मवेशियों की मौत की वजह जानने के लिए पोस्टमार्टम तक नहीं कराया गया. उन्होंने इस पूरे मामले में जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

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भाजपा नेता ने बघेल सरकार को घेरा

भाजपा विधायक कृष्ण मूर्ति बांधी ने गौठान में मवेशियों की मौत के मामले को लेकर बघेल सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने गौठान के साथ गोबर खरीदी में करोड़ों रूपये का घोटाला किया. अब गौठान मवेशियों का कब्रगाह बन गया है.

 

जिला प्रशासन ने क्या कहा?

खरौद नगर पंचायत में मवेशियों की मौत की सूचना मिलने के बाद जिला प्रशासन ने पामगढ एसडीएम को जांच के निर्देश दिए हैं और प्रारंभिक जांच में गौठान के पीछे 7 मवेशियों का मृत होना पाया गया है. लेकिन प्रशासन का दावा है कि  गौठान के अंदर एक भी मौत नहीं हुई., एडिशनल कलेक्टर एस पी वैद्य ने कहा कि नगर पंचायत खरौद में एसडीएम को चांच के लिए भेजा गया था. सात जानवर जो कि कमजोर स्थिति के थे उनकी मौत की सूचना प्राप्त हुई है. सातों जानवर गौठान से संबंधित नहीं हैं. उन्होंने कहा, “अभी पूरी रिपोर्ट नहीं आई है. मुझे जो मौखिक जानकारी मिली है उसको मैं साझा कर रहा हूं. विस्तृत रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जाएगा.”

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