Mahasamund Lok Sabha Seat: महासमुंद सीट से कांग्रेस की तरफ से दो दावेदार, किसे मिलेगा मौका?

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Mahasamund Lok Sabha Seat: बीजेपी ने महासमुंद से सिटिंग सांसद चुन्नीलाल साहू का टिकट काटकर रुप कुमारी चौधरी को मौका दिया है. महासमुंद लोकसभा सीट (loksabha Election) सबसे हाई-प्रोफाइल मानी जाती है. वैसे तो इस सीट पर कांग्रेस के कब्जे का इतिहास रहा है. 1952 से अब तक महासमुंद में 18 चुनाव हुए हैं. इनमें 12 बार कांग्रेस ने चुनाव जीता है. लेकिन पिछले तीन चुनावों से इस सीट पर भाजपा (BJP) का ही कब्जा है.

महासमुंद लोकसभा सीट की पहचान उस निर्वाचन क्षेत्र के तौर पर भी की जाती है, जहां से दिग्गज कांग्रेसी नेता विद्याचरण शुक्ल ने अपने राजनैतिक करियर की शुरुआत की थी. बतौर सांसद अपने 9 कार्यकाल में से विद्याचरण शुक्ल ने अपने पहले चुनाव समेत 6 चुनाव महासमुंद से ही जीते.

अजीत जोगी इस सीट से बने थे सांसद

2004 में जब विद्याचरण शुक्ल ने बीजेपी में शामिल होने के लिए कांग्रेस छोड़ दी. वे इसी निर्वाचन क्षेत्र में लौटकर आए, लेकिन कांग्रेस के अजीत जोगी से हार गए. राज्य के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी यहां से चुनाव जीतकर सांसद बने थे. वहीं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्यामाचरण शुक्ल इस सीट से 1999 में चुनाव जीतकर सांसद बने थे.

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सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित है सीट

छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में से एक महासमुंद सीट सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित है. इस लोकसभा के अंदर 8 विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें सरायपाली, महासमुंद, कुरुद, बसना, राजिम, धमतरी, खल्लारी और बिंद्रानवागढ़ शामिल हैं. बिंद्रानवागढ़ और सरायपाली ये दोनों सीटें एससी के लिए रिजर्व है और बाकी 6 सीटें सामान्य के लिए आरक्षित हैं.

इस बार बीजेपी ने यहां से रुप कुमारी चौधरी को प्रत्याशी बनाया है.वर्तमान में वे महासमुंद भाजपा की जिला अध्यक्ष हैं. साल 2013 से 2018 तक बसना से विधायक भी रह चुकी हैं. अब सवाल उठता है कि कांग्रेस रुप कुमारी चौधरी के सामने किसे प्रत्याशी बनाती है.

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ये हैं कांग्रेस के दावेदार-

  • पहला महासमुंद से पूर्व विधायक विनोद सेवन लाल चंद्राकर का है. 2018 में उन्होंने चुनाव जीता था और संसदीय सचिव रहे…लेकिन इस बार कांग्रेस ने उनका टिकट काट दिया. अब खबरें हैं कि वो लोकसभा चुनाव की तैयारी में हैं. विधायक से पहले तेंदूपत्ता वनोपज के जिला अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
  • दूसरा नाम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता धनेंद्र साहू का है.साहू विधायक रह चुके हैं. 2019 में भी वो महासमुंद लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी थे. लेकिन चुनाव हार गए. इस बार धनेंद्र साहू को टिकट मिलने की संभावना इसलिए है क्योंकि महासमुंद लोकसभा में साहू समाज से सबसे ज्यादा वोटर्स हैं. ऐसे में साहू समाज को साधने धनेंद्र साहू को कांग्रेस फिर से मौका दे सकती.

फिलहाल ये तो कयास हैं देखने वाली बात होगी कांग्रेस किसे मैदान पर उतार सकती है.

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महासमुंद से अरविंद यादव की रिपोर्ट

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