छ्त्तीसगढ़ के सबसे बड़े चावल घोटाले मामले में ED का बड़ा एक्शन, पूर्व कोषाध्यक्ष गिरफ्तार
Chhattisgarh News: चावल मिल घोटाले में ईडी ने छत्तीसगढ़ चावल मिल मालिक एसोसिएशन के पूर्व कोषाध्यक्ष को गिरफ्तार किया गया है. चावल मिल घोटाला करीब 175 करोड़ रुपये का बताया जा रहा है.
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Chhattisgarh News: चावल मिलिंग घोटाले में ईडी ने छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से बड़ा एक्शन लिया है. 175 करोड़ रुपए के कथित घोटाले में ईडी ने छत्तीसगढ़ चावल मिल मालिक एसोसिएशन के पूर्व कोषाध्यक्ष को हिरासत में लिया था,जिसे अब गिरफ्तार कर लिया गया है. गुरुवार को ईडी ने इसकी जानकारी दी.
ईडी ने 175 करोड़ रुपये के कथित चावल मिल घोटाले मामले धमतरी जिले के कुरूद स्थित राइस मिलर रोशन चंद्राकर को गिरफ्तार किया है. केंद्रीय एजेंसी ने एक बयान में आरोप लगाया, 'वह खरीफ विपणन सत्र 2021-22 के दौरान राज्य चावल मिल मालिक एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष थे. इस अवधि के दौरान चावल मिल मालिकों से अवैध वसूली की जा रही थी.' बता दें कि छत्तीसगढ़ में कथित चावल मिल घोटाले में ईडी लंबे समय से कार्रवाई कर रही है.
क्या है पूरा मामला?
पिछले महीने ईडी ने इस मामले में छत्तीसगढ़ मार्कफेड के पूर्व प्रबंध निदेशक मनोज सोनी को गिरफ्तार किया था. मनी लॉन्ड्रिंग का मामला आयकर विभाग के आरोप पत्र से उपजा है, जहां यह आरोप लगाया गया था कि छत्तीसगढ़ चावल मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने राज्य विपणन महासंघ लिमिटेड (मार्कफेड) के अधिकारियों के साथ 'सांठगांठ' की और एक विशेष का दुरुपयोग करने की टसाजिश' रची.
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PTI समाचार एजेंसी के मुताबिक, इसमें कहा गया है कि खरीफ वर्ष 2021-22 तक, राज्य सरकार द्वारा धान की कस्टम मिलिंग के लिए चावल मिल मालिकों को 40 रुपये प्रति क्विंटल धान का विशेष प्रोत्साहन दिया गया था और यह राशि "अत्यधिक" बढ़ाकर 120 रुपये प्रति क्विंटल धान कर दी गई थी. एजेंसी ने कहा कि इसका भुगतान 60 रुपये की दो किस्तों में किया गया था.
ऐसे होता था भ्रष्टाचार!
ईडी ने दावा किया कि छत्तीसगढ़ राज्य चावल मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अपने कोषाध्यक्ष चंद्राकर के नेतृत्व में चावल मिलर्स से प्रत्येक क्विंटल धान के लिए प्रति किस्त 20 रुपए की रिश्वत इकट्ठा करना शुरू कर दिया. इसमें कहा गया है कि नकद राशि का भुगतान करने वाले चावल मिल मालिकों का विवरण जिला चावल मिलर्स एसोसिएशन द्वारा संबंधित जिला विपणन अधिकारी (डीएमओ) को भेजा गया था. ईडी का कहना है, 'केवल उन्हीं चावल मिल मालिकों के बिल, जिन्होंने एसोसिएशन को नकद भुगतान किया है, एमडी, मार्कफेड द्वारा भुगतान के लिए मंजूरी दे दी गई थी.' ईडी ने कहा कि जिला चावल मिलर्स एसोसिएशन चावल मिलर्स से 'रिश्वत' राशि एकत्र करते थे और उन्हें चंद्राकर या उनके लोगों तक पहुंचाते थे.
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छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा चावल घोटाला
ईडी छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े चावल घोटाला मामले में जांच कर रही है. इस केस में छत्तीसगढ़ में 2017 से साल 2023 के बीच करीब 125 करोड़ का घपला हुआ है, जिसमें राशन दुकानों का चावल बाजार में बेचा गया था. केंद्रीय जांच एजेंसी के मुताबिक छत्तीसगढ़ के कई जिलों के करीब 13,415 राशन दुकानों से पांच साल में 12.50 लाख टन से ज्यादा चावल खुले बाजार में बेचा गया है.
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