वॉट्सऐप पर फोटो डालते ही मिल जाएगी अपराधियों की पूरी जानकारी, छत्तीसगढ़ के छात्रों ने किया कमाल

रघुनंदन पंडा

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छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh News) की दुर्ग पुलिस (Durg Police) ने बीआईटी दुर्ग के इंजीनियरिंग छात्रों के साथ मिलकर एक चेहरे की पहचान करने वाला सॉफ्टवेयर (Facial Recognition Software ) तैयार किया है. इस सॉफ्टवेयर के बाद से दुर्ग पुलिस और स्मार्ट हो गई है. दरअसल, इस सॉफ्टवेयर में दुर्ग पुलिस जिले के सभी अपराधियों का फेस डेटा रखेगी. इसके बाद किसी भी संदेही का फोटो खींचकर डालते ही सॉफ्टवेयर उसके अपराध की कुंडली चंद सेकंड में बता देगा.

दुर्ग पुलिस ने दुर्ग शहर स्थित बीआईटी इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ने वाले पांच स्टूडेंट्स के साथ मिलकर इस इस साफ्टवेयर को तैयार किया. दुर्ग के एसपी शलभ कुमार सिन्हा ने बताया कि इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स ने मिलकर राज्य में पहली बार इस तरह का साफ्टवेयर तैयार किया है. साफ्टवेयर बनाने वाले स्टूडेंट्स विपिन गौतम, शुभम भगत, प्रथम साहू, यशवर्धन सिंह और राजकुमार सिंह ने बताया कि वे कंप्यूटर साइंस फर्स्ट इयर के विद्यार्थी हैं. उन्होंने दुर्ग पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा को अपने सॉफ्टवेयर के बारे में बताया था. उन्हें ये काफी पसंद आया. इसके बाद दुर्ग पुलिस ने उन्हें अपना सीसीटीएनसी (CCTNS) का नेटवर्क दिया और उन्होंने उसके आधार पर यह सॉफ्टवेयर बनाया.

दृष्टि नयन की ये है खासियत

सॉफ्टवेयर बनाने वाले  स्टूडेंट विपिन गौतम ने बताया कि उनके सॉफ्टवेयर का नाम दृष्टि नयन (Drishti Nayan) है. इसे कोडिंग विजर्ड में डेवलप किया है. इसमें उनकी टीम ने 5 हजार से अधिक क्रिमिनल डेटा बनाया है. इन सभी के फेस इन कोड इस सॉफ्टवेयर में सेव किए गए हैं. जैसे ही पुलिस किसी अपराधी की फोटो खींचकर इस सॉफ्टवेयर से जुड़े वाट्सऐप ग्रुप में डालेंगे तो कुछ सेंकेंड में उस अपराधी के बारे में जानकारी आ जाएगी. विपिन ने बताया कि ये सॉफ्टवेयर पूरी तरह से सुरक्षित है. इसे कोई भी हैक नहीं कर सकता है.

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पुलिस के लिए है बड़े काम की चीज

दुर्ग एसपी शलभ सिन्हा  ने बताया कि रात में जब पुलिस गश्त पर होती है तो उन्हें कई संदेही मिलते हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में वे उन्हें छोड़ देते हैं. इस सॉफ्टवेयर की मदद से वे उस संदेही का फोटो खींचेंगे तो ये जान पाएंगे कि उसके खिलाफ किस थाने में कितने अपराध हैं. इसके बाद वे उसे थाने ले जाकर उससे पूछताछ भी कर पाएगी. इससे अपराधियों को पकड़ने में तेजी आएगी.

इस सॉफ्टवेयर में जेल से छूटने वाले बदमाश, निगरानी बदमाश, वारंटी और पुलिस थाने में छोटे या बड़े अपराध के जाने वाले लोगों का फेस डेटा रखा जाएगा. इससे उनकी पूरी जन्मकुंडली पुलिस के पास रहेगी. अगर वो रात में कहीं भी संदेहास्पद गतिविधि में दिखे तो उन्हें आसानी से पकड़ा जा सकेगा.

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 सॉफ्टवेयर को और डेवलप करेगी दुर्ग पुलिस

दुर्ग पुलिस इस सॉफ्टवेयर को आगे और डेवलप करेगी. पुलिस का कहना है कि वो इस सॉफ्टवेयर को और अधिक डेवलप करके उसमें अपराधियों की मोशन एक्टिविटी का रिकार्ड स्टोर करेगी. इससे किसी भी अपराध में वीडियो फोटो या सीसीटीवी फुटेज मिलने पर सॉफ्टवेयर की मदद से अपराधी के बारे में जानकारी जुटाई जा सकेगी.

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