मशहूर पंडवानी गायिका पद्म विभूषण तीजन बाई की तबीयत बिगड़ी, सीएम बघेल ने परिजनों से की बात

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छत्तीसगढ़ की मशहूर पंडवानी गायिका और पद्म श्री, पद्म भूषण एवं पद्म विभूषण से सम्मानित तीजन बाई की तबीयत बिगड़ गई है. इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उनके परिजनों से फोन पर बातचीत की है. विदेशों में पंडवानी कला का मंचन कर छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे भारत का नाम रोशन करने वाली गायिका को पैरालिसिस अटैक आने के चलते उनकी तबीयत बिगड़ गई है.  दुर्ग जिले के गनियारी गांव में रहने वाली तीजन बाई इन दिनों खराब मानसिक स्थिति से भी जूझ रही हैं.

बताया जा रहा है कि 67 वर्षीय तीजन बाई को पैरालिसिस अटैक जून महीने में आया था, जिसके कारण पिछले कुछ दिनों से भिलाई इस्पात संयंत्र के जवाहरलाल नेहरू सेक्टर 9 अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था.  हाल ही में पिछले दिनों तीजन बाई के बड़े बेटे शत्रुघ्न की मौत के बाद तीजनबाई की मानसिक अवस्था ठीक नहीं है.फिलहाल तीजन बाई का इलाज घर पर ही चल रहा है.

मुख्यमंत्री बघेल ने ट्वीट कर बताया, “पद्म विभूषण श्रीमती तीजन बाई जी के परिवारजनों से फोन पर बात हुई है. वे अभी स्वास्थ्य लाभ ले रही हैं और चिकित्सकों की लगातार निगरानी में हैं.उनके परिवारजनों को आश्वस्त किया है कि हम हर तरह से उनके साथ हैं.”

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इससे पहले मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया कि पद्मविभूषण तीजन बाई जी की तबियत खराब होने की सूचना मिलने पर मुख्यमंत्री बघेल ने मामले को तत्काल संज्ञान में लिया। डॉक्टरों की टीम तीजन बाई जी के घर पहुंची और उनका हाल चाल जाना.  मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को तीजन बाई जी की सेहत का पूरा ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं।

वहीं दुर्ग सांसद विजय बघेल को जब तीजन बाई के स्वास्थ्य बिगड़ने की जानकारी मिली तो वे देर रात गनियरी गांव पहुँचकर तीजन बाई से मुलाकात की, साथ ही सांसद बघेल ने अपने हाथों से तीजन बाई को खिचड़ी खिलाई. इस दौरान उन्होंने कहा, “हमारी आदरणीया दीदी छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि भारत के मान-सम्मान को विश्व भर में फेलाया. तीजन बाई ऐसी कलाकार हैं जिनको देखने के लिए लोग तरसते थे. आज भी लोगों में इनके नाम का जादू है। आज पता  आज  पता चला  कि दीदी तीजन बाई को पैरालीसिस हो गया है, मै अपने आप  को रोक नहीं  पाया  मुलाक़ात करने उनके घर आया हूँ. वे जल्द स्वस्थ होंगी.”

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पंडवानी को दी पहचान

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तीजन बाई का जन्म दुर्ग से 25 किलो मीटर दूर गनियारी गांव में चुनुक लाल पारधी और उनकी पत्नी सुखवती के घर हुआ था. तीजन बाई छत्तीसगढ़ की पारधी अनुसूचित जनजाति से हैं. उन्होंने अपने नाना बृजलाल पारधी को छत्तीसगढ़ी लेखक सबल सिंह चौहान द्वारा लिखित महाभारत को छत्तीसगढ़ी हिंदी में सुनाते हुए सुना और उन्हें तुरंत यह पसंद आ गया.

तीजन बाई भारत की जानी मानी पंडवानी गायिका और पंडवानी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाने वाली में से एक हैं.

विदेशों में भी किया पंडवानी का मंचन

1980 के दशक की शुरुआत में, तीजन बाई  इंग्लैंड, फ्रांस, स्विटजरलैंड, जर्मनी, तुर्की, ट्यूनीशिया, माल्टा, साइप्रस, रोमानिया और मॉरीशस जैसे देशों में सांस्कृतिक राजदूत के रूप में पूरी दुनिया की यात्रा की. उन्होंने श्याम बेनेगल की प्रशंसित दूरदर्शन टीवी श्रृंखला भारत एक खोज में महाभारत पर आधारित दृश्यों का प्रदर्शन किया.

जब इनाम में मिले थे 10 रुपए…

तीजन बाई ने महज 13 साल की उम्र में पंडवानी का मंचन किया था. जिसके लिए उन्हें 10 रुपए मिले थे. थोड़े ही समय में, वह आस-पास के गांवों में फेमस हो गईं.उन्हें बड़ा ब्रेक तब मिला, जब मशहूर थिएटर कलाकार हबीब तनवीर ने उनकी प्रतिभा को देखा और उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सामने प्रदर्शन करने के लिए बुलाया. पंडवानी गायन के कारण भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री, पद्म भूषण सहित 2019 में सर्वोच्च सम्मान पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया.

 

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