बैगा आदिवासियों की मौत मामले में बड़ा खुलासा, विपक्ष ने पूछा- 34 दिनों तक क्यों चुप थी सरकार?
Kawardha Baiga tribals murder case- छत्तीसगढ़ में तीन बैगा आदिवासियों की हत्या मामले को लेकर प्रदेश की सियासत गर्म है. कवर्धा जिले के पंडरिया विधानसभा…
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Kawardha Baiga tribals murder case- छत्तीसगढ़ में तीन बैगा आदिवासियों की हत्या मामले को लेकर प्रदेश की सियासत गर्म है. कवर्धा जिले के पंडरिया विधानसभा के कुकदुर ब्लॉक के नागाडबरा में 14 जनवरी को तीन बैगा आदिवासियों की संदिग्ध मौत हो गई थी. वहीं अब पुलिस ने शुक्रवार को इसे लेकर नया खुलासा किया है. इस बीच विधानसभा में विपक्षी कांग्रेस ने मामले को दबाने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया.
राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र माने जाने वाले बैगा जनजाति के तीन लोगों की मौत को लेकर कवर्धा पुलिस ने दावा किया कि जमीन विवाद को लेकर मृतक और आरोपियों के बीच विवाद हुआ था. वहीं रात में कुल्हाड़ी से हमला कर बैगाओं की हत्या कर दी गई.
14 आरोपी गिरफ्तार
तीन बैगाओं की मौत के मामले में पुलिस ने एक नाबालिग समेत 14 लोगों को गिरफ्तार किया है. मौके पर बरामद कुल्हाड़ी और खून के छीटें भी पाई गई थी. जिस पर जांच की जा रही थी. घटना के 34 दिन बाद फॉरेंसिक जांच में खुलासा हुआ कि बैगाओ की मौत हत्या से हुई है. एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया कि जमीन विवाद के चलते पति पत्नी और बच्चे को मौत के घाट उतारा गया था. इसमें एक नाबालिग समेत 14 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपियों में दो महिलाएं भी शामिल हैं. एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने बताया कि घटना के दिन गांव में छट्ठी का कार्यक्रम था जिसके बाद जमीन विवाद को लेकर मृतक और आरोपियों के बीच विवाद हुआ. वहीं रात्रि में कुल्हाड़ी से हमला कर बैगाओं की हत्या कर दी गई.
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14 जनवरी को क्या हुआ था?
बता दें कि 14 जनवरी को कुकदुर थाना अंतर्गत नागाडबरा में पति पत्नी और बच्चा समेत तीन बैगाओं की जली हालत में लाश मिली थी. वहीं इस मामले में कांग्रेसियो की ओर से थाना का घेराव प्रदर्शन कर न्यायिक जांच कराने की मांग की गई थी. कांग्रेस नेताओं का कहना था कि घटना जलकर मौत नहीं बल्कि हत्या की है. कांग्रेसियो के हंगामा के बाद पुलिस ने गाँव के आस-पास के कुछ लोगो से पूछताछ भी की थी. वहीं घटना के बाद कुछ आदिवासी बैगा कवर्धा एसपी ऑफिस पहुंचे और पुलिस पर पूछताछ के बहाने मारपीट का भी आरोप लगाया था.
विधानसभा में हंगामा, विपक्ष ने लगाए गंभीर आरोप
छत्तीसगढ़ विधानसभा में बजट सत्र के दौरान शुक्रवार को शून्यकाल में यह मामला उठा. कांग्रेस विधायक और पूर्व सीएम भूपेश बघेल, अनिला भेड़िया, विक्रम मंडावी, देवेंद्र यादव, सावित्री मंडावी ने बैगा जनजाति के तीन लोगों की मौत पर स्थगन प्रस्ताव लाया. कांग्रेस ने स्थगन प्रस्ताव देकर चर्चा की मांग की. कांग्रेस विधायकों ने जमकर नारेबाजी भी की. कांग्रेस विधायक हर्षिता बघेल ने इस मामले में पंडरिया विधायक के सरंक्षण का आरोप भी लगाया. इसे लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष ने जमकर हंगामा किया.
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37 दिनों तक चुप क्यों थी सरकार: विपक्ष
नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत और पूर्व मंत्री भूपेश बघेल ने विष्णु देव साय की सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि राष्ट्रपति की संरक्षित जनजाति जिनकी उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा के विधानसभा क्षेत्र में हत्या हुई है और जिसे पुलिस आत्महत्या बता रही है और 64 के तहत प्राकृतिक आपदा बढ़कर मुआवजा भी प्रदान कर रही है तो यह सत्ताधारी दल के दबाव के कारण हो रहा है. इसमें कहीं ना कहीं साजिश जरूर है.
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पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हमने जब इसमें प्रश्न लगाया है तब इसमें गिरफ्तारियां हुई हैं. इससे पहले सरकार 37 दिनों तक चुप क्यों थी? 14 जनवरी का मामला है, उससे पहले गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई थी? तो इसमें साजिश है और सरकार का इसमें दबाव है, जिस पर पुलिस हत्या को आत्महत्या करार दे रही है. हम इसके न्यायिक जांच की मांग करते हैं और यह मामला जब तक निष्पक्ष रूप से पटल पर नहीं आएगा तब तक कांग्रेस इसका विरोध करती रहेगी.
बीजेपी ने क्या कहा?
विधानसभा में बैगा जनजाति हत्याकांड पर धरम लाल कौशिक ने कहा कि आज सदन ने इसे स्वीकार कर लिया है कि किसी ने किसी रूप में इस ग्राह किया जाएगा लेकिन विपक्ष जिस प्रकार की भूमिका सदन में अदा कर रहा है और बेल में आ जा रहा है तो उसमें स्वमेव निलंबित हो जाता है. निलंबन की कार्रवाई के समय बाद सदन स्थगित हो गई. कौशिक ने कहा कि इस पर चर्चा जरूर होगी क्योंकि राष्ट्रपति की ओर से संरक्षित जनजाति का मामला है और सरकार इस पर गंभीर है.
इनपुट: कवर्धा से वेदांत शर्मा, रायपुर से अजय सोनी और महेंद्र नामदेव
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