UAE में पकड़ा गया महादेव सट्टेबाजी ऐप का को-फाउंडर; प्रत्यर्पण की कोशिश में ED

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Mahadev Betting App Case- महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप के दो मुख्य मालिकों में से एक रवि उप्पल (Ravi Uppal) को ईडी के आदेश पर इंटरपोल की ओर से जारी रेड नोटिस के आधार पर स्थानीय पुलिस ने दुबई में गिरफ्तार कर लिया है.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, दुबई पुलिस ने मंगलवार को महादेव ऑनलाइन बेटिंग सिंडिकेट के 2 प्रमुख आरोपियों में से एक रवि उप्पल को गिरफ्तार किया. उप्पल को जल्द ही भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है.

दुबई के अधिकारियों के संपर्क में ईडी अधिकारी

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, 43 वर्षीय उप्पल को पिछले हफ्ते उस देश में हिरासत में लिया गया था और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी उसे भारत भेजने के लिए दुबई के अधिकारियों के संपर्क में हैं.

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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चल रही है जांच

उप्पल से छत्तीसगढ़ और मुंबई पुलिस अपराध शाखा के अलावा ऑनलाइन ऐप्स के माध्यम से कथित अवैध सट्टेबाजी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा जांच की जा रही है.

संघीय जांच एजेंसी ने अक्टूबर में छत्तीसगढ़ के रायपुर में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत के समक्ष उप्पल और इंटरनेट-आधारित प्लेटफॉर्म के एक अन्य प्रमोटर, सौरभ चंद्राकर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग आरोप पत्र दायर किया था.

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बाद में अदालत द्वारा जारी गैर-जमानती वारंट के आधार पर ईडी के अनुरोध पर इंटरपोल द्वारा दोनों के खिलाफ रेड नोटिस जारी किया गया था.

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चुनाव के ठीक पहले उछला था ये मामला

ईडी के अनुसार, इस मामले में अपराध की अनुमानित आय लगभग 6,000 करोड़ रुपये है. एजेंसी ने नवंबर में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण से ठीक पहले दावा किया था कि फोरेंसिक विश्लेषण और असीम दास नामक ‘कैश कूरियर’ के दिए गए बयान से “चौंकाने वाले आरोप” लगे हैं. ईडी के अनुसार, दास ने बताय  कि महादेव सट्टेबाजी ऐप प्रमोटरों ने लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने अब तक कहा है कि ये आरोप “जांच का विषय” हैं.

दास ने किया था आरोपों का खंडन

दास ने बाद में रायपुर की विशेष अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया था कि उन्हें एक साजिश के तहत फंसाया गया था और उन्होंने कभी भी राजनेताओं को नकदी नहीं पहुंचाई थी.

क्या है महादेव ऐप, विवाद के पीछे क्या है वजह?

अधिकारियों ने कहा कि ईडी की जांच से पता चला है कि महादेव ऑनलाइन बुक ऐप यूएई के एक केंद्रीय प्रधान कार्यालय से चलाया जाता है. यह अपने ज्ञात सहयोगियों को 70-30 प्रतिशत लाभ अनुपात पर “पैनल/शाखाओं” की फ़्रेंचाइज़िंग के जरिए संचालित होता है. सट्टेबाजी की आय को विदेशी खातों में भेजने के लिए बड़े पैमाने पर हवाला ऑपरेशन किए जाते हैं.

 

ईडी के अनुसार, नए यूजर और फ्रेंचाइजी (पैनल) चाहने वालों को आकर्षित करने के लिए सट्टेबाजी वेबसाइटों के विज्ञापन के लिए भारत में नकद में भी बड़ा खर्च किया जा रहा है.

कंपनी के प्रमोटर छत्तीसगढ़ के भिलाई से हैं और महादेव ऑनलाइन बुक सट्टेबाजी एप्लिकेशन एक प्रमुख सिंडिकेट है जो अवैध सट्टेबाजी वेबसाइटों को सक्षम करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्मों की व्यवस्था करता है.

इसे भी देखें- Chhattisgarh Election 2023: महादेव ऐप मामले में असीम दास के लेटर से मचा बवाल, जानें ED ने क्या कहा!

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