जब बेटियों को देना पड़ा पिता की अर्थी को कंधा, जानें ‘सामाजिक बहिष्कार’ की पूरी दास्तां

ADVERTISEMENT

ChhattisgarhTak
social share
google news

Social Boycott in Mahasamund- छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh News) के महासमुंद जिले के ग्राम सालडबरी में एक परिवार पिछले एक साल से सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहा है. यहां तक कि परिवार के मुखिया की मौत पर गांव के लोग कांधा देने तक नहीं आए. ऐसे में बेटियों ने उनकी अर्थी उठाई और अपने पिता का अंतिम संस्कार किया. इससे जुड़ा वीडियो वायरल होने के बाद अब प्रशासन मामले की जांच में जुट गया है.

महासमुंद जिले के बागबहरा थाना क्षेत्र के ग्राम सालडबरी में यह परिवार पिछले एक साल बहिष्कृत है. बहिष्कार भी ऐसा कि उस गांव में इस परिवार को दुकान से समान तक नहीं मिलता. इस परिवार से गांव के लोग बात भी नहीं करते, ऐसा करने वालो के खिलाफ भी जुर्माना रखा गया है. गांव में इन्हें कोई काम भी नहीं देता.

परिजनों के मुताबिक, गांव के लोगों ने मामूली विवाद के बाद पूरे परिवार को बहिष्कृत कर दिया. ऐसे में राशन जैसे जरूरी सामानों के लिए भी इन्हें दूसरे गांव जाना पड़ता है. परिवार के मुखिया हिरण साहू की मौत होने पर भी गांव के लोग कांधा देने नहीं आए. शादी के बाद ससुराल जा चुकी मृतक की बेटियां अपने पिता को कांधा देने गांव पहुंची और कांधा दिया तब अंतिम संस्कार हुआ. जिसका विडियो वायरल हो रहा है. विडियो 24 जुलाई का है जब परिवार के मुखिया हिरण साहू की तबीयत खराब होने से मौत हो गयी थी. परिवार के लोगो ने गांव के लोगों को मौत की खबर दी लेकिन उनके घर कोई नहीं आया. अब पुलिस मामले की जांच कर रही है.

ADVERTISEMENT

क्यों हुआ सामाजिक बहिष्कार?

मृतक हिरण साहू की पत्नी बीना बाई ने बताया कि गांव के लोग एक लड़के को मार रहे थे तो उन्होंने बीच-बचाव करने की कोशिश की थी. इसके बाद गांव में बैठक की गई जहां उन्हें बुलाया गया और उनसे मारपीट भी की गई. उन्होंने बताया, “मुझे मारा गया और गांव के नियम को तोड़ रहे हो कहकर हमारे परिवार को बहिष्कृत किया गया.” बीना बाई ने कहा, “अभी कुछ माह पहले बेटी की शादी में मंदिर को भी बंद कर दिया गया.  बारात मे आए बारातियों को मारने का भी गांव के लोगों ने प्लान किया था.”

उन्होंने आगे बताया कि गांव के लोग उनके परिजनों को मारने और गांव से निकालने की धमकी देते हैं. अभी उनके पति की मौत के बाद कांधा देने तक गांव का कोई नहीं आया. तो उन्होंने अपनी बेटियों को बुलवाया. बेटियों, बेटा और दामाद ने कांधा दिया तब अंतिम संस्कार हुआ.

ADVERTISEMENT

अब होगी कार्रवाई?

परिजनों का आरोप है कि बहिष्कार किए जाने की शिकायत कई बार प्रशासन से किए जाने के बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. मृतक के पुत्र तामेश्वर साहू ने बताया कि गांव में उनके पूरे परिवार का हुक्कापानी बंद है. गांव के लोग कोई सहयोग नहीं करते. बात तक नहीं करते हैं. उन्होंने बताया,  “हमें दुकान से राशन सामान तक कोई नहीं बेचता है दूसरे गांव से राशन लेकर काम चला रहे हैं.”

ADVERTISEMENT

उन्होंने बताया, “हमें बहिष्कृत किया गया है इसकी सूचना बागबहरा थाने में और अनुविभागीय अधिकारी को दिया गया था लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.”

बागबहरा के थाना प्रभारी महेश साहू ने कहा, मैंने पीड़ित पक्ष को बुलवाया है. उनके कथन और आवेदन पर उचित कार्रवाई की जा रही है. पीड़ित पक्ष के अनुसार कुछ दिन पहले गांव मे हुये झगड़े के बाद इन पर जुर्माना भी लगाया गया था. गांव के लोगो ने इनको बहिष्कृत कर दिया था. इनके अनुसार, इनको पूजा स्थल पर जाने में रोक है, पानी नहीं दिया जा रहा है. साथ ही राशन दुकान से इन्हें राशन भी नहीं दिया जा है. इस मामले मे जांच कर कार्रवाई की जा रही है.

यह भी देखें- जब किसी ने नहीं दिया कांधा तब बेटियों ने उठाई पिता की अर्थी, देखें तस्वीरें

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT