रक्षाबंधन: गोबर-सब्जियों के बीज से बनाईं खूबसूरत राखियां, इस गांव की बहनों ने किया कमाल

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Rakshabandhan- देश रक्षाबंधन यानी राखी का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मना रहा है. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में भी इसे लेकर बेहद उत्साह देखा जा रहा है. लेकिन इस बार यहां कुछ खास किस्म की राखियां भी नजर आ रही हैं. दरअसल, कांकेर जिले में महिलाओं के एक समूह ने यूट्यूब से राखी बनाना सीखकर गोबर, सब्जियों के बीज और छतीसगढ़ का फेमस कोदो चावल और कुटकी से राखियां बनाई हैं. इसे बनाने में लागत भी काफी कम लगी. बताया जा रहा है कि इन राखियों को लोग खूब पसंद कर रहे हैं.

कांकेर जिला मुख्यालाय से करीब 8 किलोमीटर दूर बेवरती गांव के मां संतोषी समूह की महिलाओं ने यूट्यूब से राखी बनाने की कला सीखी. इसके बाद वे आसानी से उपलब्ध होने वाले सब्जियों के बीज, कोदो चावल, गोबर और धान से राखियां बनाने में जुट गईं.

कम दाम में खास राखियां

महिलाओं ने बताया कि उनके समूह ने 5 हजार रुपये खर्च कर यह काम शुरू किया और प्राकृतिक चीजों से राखियां बनाईं. शुरुआत में महिलाओं के इस समूह ने लगभग 3 हजार राखियां तैयार की. इन राखियों को सी मार्ट में खरीदा जा सकता है. राखियों की कीमत मार्केट में उपलब्ध राखियों से बेहद कम महज 20 से 30 रुपये है.

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ऐसे बना प्लान…

समूह की महिलाओं ने बताया कि वे सभी गौठान में विभिन्न तरह की गतिविधियों में शामिल रहती हैं लेकिन इस बार उनकी कुछ अलग करने की मंशा थी. लिहाजा उन्होंने राखी बनाने की योजना बनाई और यूट्यूब के जरिए राखी बनाना सीखा. महिलाओं ने राखियां बनाने के लिए अपने आस-पास आसानी से मिलने वाली चीजें जैसे- गोबर, धान, सब्जियों के बीज, कोदो चावल का इस्तेमाल किया. महिलाओं को उम्मीद है कि उनकी इस देसी राखी को अच्छा रिस्पॉन्स मिलेगा. महिलाओं ने बताया कि वो प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी राखी भेजना चाहती हैं.

(कांकेर से गौरव श्रीवास्तव की रिपोर्ट)

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