CG Coal Scam: EOW को मिली रानू साहू और सौम्या चौरसिया की रिमांड, 27 मई तक होगी पूछताछ
CG Coal Scam: कोयला घोटाला केस में EOW को रानू साहू और सौम्या चौरसिया की रिमांड मिल गई है. टीम ने 15 दिन की रिमांड मांगी थी,लेकिन कोर्ट ने सिर्फ 4 दिन की ही रिमांड दी है.
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CG Coal Scam: छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला मामले में पूर्व IAS अधिकारी रानू साहू और सौम्या चौरसिया की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है.इस केस में स्पेशल कोर्ट ने दोनों को EOW की चार दिन की रिमांड पर भेज दिया है. 27 मई तक सौम्या चौरसिया और रानू साहू ईओडब्ल्यू की हिरासत में रहेंगी.दोनों अधिकारियों को धन शोधन से जुड़े कथित कोयला घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, EOW अब 27 मई तक दोनों से कोयला घोटाला केस में पूछताछ करेगी. इससे पहले तक निलंबित IAS रानू साहू और सौम्या चौरसिया रायपुर सेंट्रल जेल में बंद थीं. गुरुवार को जज अतुल श्रीवास्तव की कोर्ट ने दोनों की रिमांड EOW को सौंपी. साल 2010 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अधिकारी साहू को ईडी ने पिछले साल जुलाई में गिरफ्तार किया था, जबकि मुख्यमंत्री कार्यालय में तत्कालीन उप सचिव चौरसिया को दिसंबर 2022 में गिरफ्तार किया गया था.
पिछले 2 साल से चल रही है जांच
EOW के अधिवक्ता सौरभ पांडेय ने बताया कि एसीबी/ईओडब्ल्यू ने पांच जून तक उनकी हिरासत की मांग की थी, लेकिन अदालत ने 27 मई तक की हिरासत दी है. उन्होंने कहा कि इस साल की शुरुआत में EOW ने ईडी द्वारा साझा की गई जानकारी के आधार पर कथित कोयला शुल्क घोटाले में मामला दर्ज किया था. ईडी पिछले दो सालों से इस मामले में धन शोधन के पहलू की जांच कर रही है. पांडेय ने बताया कि एसीबी/ईओडब्ल्यू ने अपने मामले में अधिक जानकारी और सबूत इकट्ठा करने के लिए साहू और चौरसिया को गिरफ्तार किया और पूछताछ के लिए उनकी हिरासत मांगी.
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पूर्व मंत्री मंत्री समेत इन लोगों पर FIR दर्ज
छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाले मामले में ED की रिपोर्ट पर ACB-EOW ने दो पूर्व मंत्रियों, विधायकों सहित 36 लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज की है. इनमें पूर्व मंत्री अमरजीत भगत, वर्तमान कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव, पूर्व विधायक यूडी मिंज, गुलाब कमरो, चंद्रदेव प्रसाद राय, शिशुपाल सोरी, बृहस्पत सिंह, निलंबित आईएएस अधिकारी समीर बिश्नोई और रानू साहू तथा सौम्या चौरसिया का नाम शामिल है.
ये है मास्टरमाइंड!
एफआईआर में कहा गया है कि वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, नेताओं और बिचौलियों से जुड़े एक कार्टेल द्वारा राज्य में परिवहन किए गए कोयले के लिए 25 रुपये प्रति टन के हिसाब से अवैध शुल्क की वसूली जा रही थी. एफआईआर के मुताबिक, व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी इस घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता था. ईडी ने छत्तीसगढ़ में कोयला शुल्क घोटाले में धन शोधन की जांच शुरू की थी तथा तलाशी ली थी और 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. ईडी ने 222 करोड़ रुपये की संपत्ति को अस्थायी रूप से कुर्क किया था.
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