शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने छत्तीसगढ़ सरकार से कर दी बड़ी मांग, उठाए कई सवाल
Sashankaracharya Avimukteshwaranand To CG government- ज्योतिषपीठाधीश्वर जगत गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने छत्तीसगढ़ सरकार से मांग की है कि वे गाय को राज्य माता घोषित करें…
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Sashankaracharya Avimukteshwaranand To CG government- ज्योतिषपीठाधीश्वर जगत गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने छत्तीसगढ़ सरकार से मांग की है कि वे गाय को राज्य माता घोषित करें ताकि राष्ट्र माता घोषित करने में केंद्र को सहूलियत हो. गोहत्या पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है और अमृत जैसा दूध देने वाली हमारी गौ माता को एक तरफ काटा जा रहा है.
रायपुर पहुंचे ज्योतिषपीठाधीश्वर जगत गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, “छत्तीसगढ़ तो हमारा घर ही है हम यहां आते रहते हैं. बेमेतरा और कवर्धा में जो कार्यक्रम है वहां शामिल होना है. छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनी है उसको शुभकामनाएं. उनसे अनुरोध है कि गौ माता को राज्य माता घोषित करें. आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है और अमृत जैसा दूध देने वाली हमारी गौ माता को एक तरफ काटा जा रहा है.”
‘छत्तीसगढ़ गौ भक्त प्रदेश है’
Sashankaracharya Avimukteshwaranand To CG government- शंकराचार्य ने कहा कि छत्तीसगढ़ में तो सदियों से गौ भक्ति है, एक गौ भक्त प्रदेश है. यहां पर गाय के प्रति अन्याय नहीं होता है इसलिए हम चाहते हैं यहां पर उनके सम्मान में कानूनी रूप से अधिकार मिले. छत्तीसगढ़ की सरकार गाय को राज्य माता घोषित करें ताकि राष्ट्र माता घोषित करने में केंद्र को सहूलियत हो.
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राजनीति में धर्म के इस्तेमाल पर कही ये बात
ज्योतिषपीठाधीश्वर ने कहा कि राजनीतिक लोग अपने लाभ के लिए जो भी मुद्दा लोगों के मन में होता है उसका प्रयोग करते हैं. राजनीतिक लोग धर्म का प्रयोग राजनीति के लिए कर रहे हैं, इसका मतलब है जो भारत की जनता है उसके मन में धर्म प्रमुखता से छाया हुआ है. धार्मिक मामले उसके मन में गूंजते रहते हैं इसलिए राजनीतिक लोग इसका लाभ लेने के लिए धर्म का प्रयोग राजनीतिक में करते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि धर्म तो सीमेंट का काम करती है जो दो टकराती हुई ईट को जोड़ने का काम करती है. अगर ऐसा हो रहा है तो वह धर्म नहीं है धर्म के नाम पर अधर्म है.
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‘किसी पार्टी को ध्यान में रखकर नहीं बोल रहे हैं’
शंकराचार्य ने कहा, “चुनाव आने वाले इसलिए हम कह रहे हैं अमृत महोत्सव अधिक मना रहे हो. प्रदेश वाले भी देशवासी भी किसी पार्टी को ध्यान में रखकर नहीं बोल रहे हैं. हम चुनाव को देखकर बोल रहे हैं. हम अपने हिंदू भाइयों को सनातनियों को बोल रहे हैं कि गौ माता का मुद्दा हमारा पुराना मुद्दा है. हमारे कितने लोगों ने गौ माता के लिए बलिदान दिया है देश की आजादी की लिए भी लड़ाई गांव के लिए हुई थी.”
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उन्होंने आगे कहा, “शहीद मंगल पांडे से जब कहा गया कारतूस का ढक्कन मुंह से खोलो तो उसमें गाय की चर्बी थी इसलिए उसने मना कर दिया था. गाय की चर्बी से ही अंग्रेजों के खिलाफ क्रांति हुई थी. गाय का बड़ा योगदान है और उस गाय की जब तक हत्या हो रही है सभी राजनीतिक बेकार है.”
‘जो व्यक्ति गाय की हत्या से जुड़ा रहेगा उसको हम हिंदू कहना बंद करेंगे’
शंकराचार्य ने कहा, “हम गाय संसद करके प्रयागराज से आ रहे हैं. प्रस्ताव पारित हुआ है जो व्यक्ति गाय की हत्या से जुड़ा रहेगा उसको हम हिंदू कहना बंद करेंगे. उसके साथ संबंध समाप्त करेंगे और साथ ही साथ ही कहा है जो गौ हत्यारी पार्टियों को जो जनता वोट देगी वह भी गौ हत्या की भागी होगी.”
उन्होंने आगे कहा कि इसलिए हम चुनाव के पहले राजनीतिक दलों से कहना चाहते हैं कि आप शपथ पत्र दीजिए. अगर आप सत्ता में आए सबसे पहला काम आप गौ हत्या बंद करेंगे. गौ हत्या के कलंक को मिटाएंगे, अगर यह कर सकते हैं तो स्वागत है और नहीं हम समझेंगे आप हमारे विरोधी हैं.
‘गौ हत्या सबसे बड़ा कलंक’
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि गौ हत्या सबसे बड़ा कलंक है. धर्म शास्त्रों से लेकर हमारी परंपरा तक आप उठा लीजिए भारत के इतिहास में गाय केंद्र में रही है. उन्होंने कहा कि हिंदू होने की प्रमुख पहचान में से पहली पहचान है जो माता के भक्त गौ माता में दृढ़ होती है वही हिंदू होता है.
उन्होंने जोर देकर कहा, “हम हिंदुओं का शासन हो गया. हमारे यहां कई लोग कहने लगे कि हिंदू राष्ट्र बनाएंगे क्या बनाओगे, जब तक गाय की हत्या इस धरती पर बंद न हो? इसलिए इस चुनाव में जो आने वाला चुनाव है सारे मुद्दे एक तरफ है और हम किसी को स्वीकार नहीं करेंगे.”
(रायपुर से अजय सोनी की रिपोर्ट)
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