छत्तीसगढ़ विधानसभा के पास युवाओं का ‘नग्न प्रदर्शन’, फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले ने पकड़ा तूल, कांग्रेस और भाजपा ने दिया ये बयान

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छत्तीसगढ़ में अब फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले ने बेहद तूल पकड़ लिया है. इसे लेकर मंगलवार को एससी-एसटी युवाओं ने नग्न प्रदर्शन तक कर दिया. प्रदर्शनकारी युवाओं ने नग्न होकर राजधानी रायपुर में विधानसभा की ओर कूच करने के इरादे से पैदल मार्च किया. हालांकि विधानसभा के पास पुलिस ने उनको हिरासत में ले लिया. बता दें कि प्रदर्शनकारी फर्जी जाति प्रमाणपत्र मामले में कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. प्रदर्शन की चेतावनी के बाद बीती रात पुलिस ने धरपकड़ की थी उसके बाद भी युवा प्रदर्शन करने में कामयाब रहे. इस मामले को लेकर मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है. पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इसे सरकार के खिलाफ युवाओं का आक्रोश बताया है. जबकि कांग्रेस ने इसे पूर्व भाजपा सरकार का किया-धरा करार दिया.

एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि आरक्षित वर्गों के हितों में कुठाराघात कर छत्तीसगढ़ में सैकड़ों लोग फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाकर सेवाएं दे रहे हैं. छत्तीसगढ़ सरकार उनकी बर्खास्तगी का आदेश जारी कर चुकी है. तीन साल पहले आदेश जारी होने के बाद भी वे अभी तक अपने पदों में बने हुए हैं.

उन्होंने कहा, “हम लोग आवेदन किए, निवेदन किए, आमरण अनशन किए इसके बावजूद भी सरकार के कान में जूं नहीं चली. इसलिए आज हम बेबस और मजबूर होकर नग्न प्रदर्शन किए हैं. हम चाहते हैं कि 267 फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारक हैं उन्हें तत्काल बर्खास्त किया जाए और उन्हें गिरफ्तार किया जाए. उनकी संपत्ति को राजसात किया जाए.”

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उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “मांगे नहीं माने जाने की स्थिति में हम संसद भवन के सामने प्रदर्शन करेंगे.”

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से प्रदेश के कई विभागों को शिकायतें मिली थी कि, गैर आरक्षित वर्ग के लोग आरक्षित वर्ग के कोटे का शासकीय नौकरियों और राजनैतिक क्षेत्रों में फायदा उठा रहे है. इसे लेकर राज्य सरकार नें उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति गठित भी की थी जिसके रिर्पोट के आधार पर सामान्य प्रशासन विभाग ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी कर रहे अधिकारी कर्मचारियों को कई अहम पदों से फौरन हटा उन्हें बर्खास्त करने के आदेश जारी कर दिए. लेकिन युवाओं का गुस्सा तब बढ़ा जब यह आदेश सिर्फ खानापूर्ति साबित हुआ. इस आदेश को अमल में नहीं लाया गया और फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी करने वाले कुछ लोग सेवानिवृत तक हो गए. वहीं जारी फर्जी प्रमाण पत्र धारकों की सूची में ऐसे ज्यादातर लोग हैं जो सरकारी फरमान को अमली जामा नहीं पहनाए जाने की वजह से अब भी विभिन्न पदों पर सेवाएं दे रहे हैं.

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अनशन पर भी बैठे थे युवा

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इस मामले को लेकर लंबे समय से अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के युवाओं में आक्रोश है. बीते दिनों वे आमरण अनशन पर भी बैठ गए. लेकिन प्रदर्शन के दौरान आंदोलनकारियों की तबीयत बिगड़ने और शासन-प्रशासन के उदासीन रवैये की वजह से मानसून विधानसभा सत्र में निर्वस्त्र होकर प्रदर्शन करने की चेतावनी दी.

कांग्रेस-भाजपा ने एक दूसरे पर लगाए आरोप

फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले में सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा दोनों ही एक-दूसरे को कुसूरवार ठहरा रही हैं. नगरीय विकास मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि भाजपा के डॉ. रमन सिंह के 15 साल के कार्यकाल में बहुत सारे लोगों ने फर्जी प्रमाण पत्र केआधार पर नौकरी पा ली है. लेकिन नौकरी पाने के बाद उन्हें सीधा नहीं हटाया जा सकता. उन्हें नोटिस दिया गया था. जांच की कार्रवाई की जा रही है. उन्हेंने कहा कि बहुत सारे लोगों ने कोर्ट में याचिका दायर कर दी थी. कोर्ट ने बहुत सारे मामलों में स्टे भी दिया है. जिन मामलों में कोर्ट में स्टे है उसमें सरकार तुरंत कैसे कार्रवाई कर सकती है? डहरिया ने कहा, “इस मामले को हम शुरू से देख रहे हैं. बहुत लोगों के खिलाफ जांच भी हुई है और उनको हटाया भी गया है.”

दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉक्टर रमन सिंह ने इसे छत्तीसगढ़ को शर्मसार करने वाली घटना करार दिया है. उन्होंने कांग्रेस के आरोपों पर कहा, “सरकार के खिलाफ  आक्रोश चरम स्तर को पार कर चुका है. सरकार को गए 5 साल हो गए हैं, अनियमितता थी तो इन्होंने ठीक क्यों नहीं किया. कांग्रेस सरकार कब तक  राग अलापती रहेगी. आज का दृश्य दुखद है. यहर सरकार की अपार असफलता का प्रमाण है.”

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