छत्तीसगढ़ चुनाव: केजरीवाल पर फूटा कांग्रेस का गुस्सा, जानें क्या है वजह
AAP Vs Congree In Chhattisgarh- छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा (Chhattisgarh Elections 2023) चुनाव के मद्देनजर दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय…
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AAP Vs Congree In Chhattisgarh- छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा (Chhattisgarh Elections 2023) चुनाव के मद्देनजर दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के रायपुर दोरे से सियासी हलचल तेज हो गई है. कांग्रेस (Congress) ने शनिवार को छत्तीसगढ़ में अपनी सरकार की आलोचना के लिए सीएम केजरीवाल पर पलटवार किया और उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में पिछली शीला दीक्षित सरकार के प्रदर्शन की तुलना मौजूदा सरकार से करने की चुनौती दी.
कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया तब आई जब केजरीवाल ने छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार करते हुए छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों की “भयानक स्थिति” की आलोचना की. केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान रायपुर में आप कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित किया. इस दौरान केजरीवाल ने ‘आप गारंटी कार्ड’ भी पेश किया.
केजरीवाल के हमले का जवाब देते हुए कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा, “रायपुर क्यों जाएं? हमारी छत्तीसगढ़ सरकार के प्रदर्शन की तुलना पिछली रमन सिंह सरकार से की जाएगी.”
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खेड़ा ने कहा,”आइए हम अपनी पसंद का एक क्षेत्र चुनें और दिल्ली में कांग्रेस सरकार बनाम अपनी सरकार के प्रदर्शन की तुलना करें. बहस के लिए तैयार हैं?”
उन्होंने कहा, “रायपुर के लिए उड़ान भरने से पहले दिल्ली की जमीनी स्थिति के बारे में बात करें जहां पूरा शहर रसातल में जा रहा है.”
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केजरीवाल ने क्या कहा था?
केजरीवाल ने कहा था कि वे एक रिपोर्ट पढ़ रहे कि छत्तीसगढ़ में स्कूलों की हालत बहुत खराब है. यह देखना चाहिए कि दिल्ली के सरकारी स्कूल कितना अच्छा कर रहे हैं. वे आश्वासन देते हैं कि अगर आप छत्तीसगढ़ में सत्ता में आती है, तो वे स्कूलों और अस्पतालों की पूरी तस्वीर बदल देंगे.
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विपक्षी गठबंधन में मनमुटाव?
कांग्रेस और आप कई विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A. का हिस्सा हैं, लेकिन राज्य स्तर पर दोनों के बीच मनमुटाव रहा है.
इस सप्ताह की शुरुआत में, कांग्रेस नेता अलका लांबा की उस टिप्पणी को लेकर दोनों के बीच मतभेद उभर आए थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस राष्ट्रीय राजधानी की सभी सात लोकसभा सीटों पर तैयारी करना चाह रही है, जिस पर आप ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि भारत में गठबंधन का मतलब ही क्या है. अगर सबसे पुरानी पार्टी अकेले जाना चाह रही है.
कांग्रेस ने बाद में स्पष्ट किया था कि गठबंधन और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में वह कितनी सीटों पर लड़ेगी, इस बारे में कोई फैसला नहीं किया गया है.
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