चिंतामणि ने बढ़ा दी ‘महाराज’ और कांग्रेस की ‘चिंता’! भाजपा को मिलेगा फायदा?

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Chhattisgarh Elections 2023- छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस (Congress) ने अपने 90 उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. लेकिन अब कांग्रेस के सामने उनके ही विधायक सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरते नजर आ रहे हैं. दरअसल, चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस विधायक चिंतामणि महाराज (Chintamani Maharaj) उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव (TS Singh Deo) के खिलाफ चुनाव लड़ना चाहते हैं. उन्होंने इसके लिए अपना प्रस्ताव भी भाजपा (BJP) के सामने रख दिया है.

छत्तीसगढ़ में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं दिए जाने से इनकार कर दिए गए कांग्रेस विधायक चिंतामणि महाराज ने रविवार को कहा कि अगर भाजपा उन्हें अंबिकापुर सीट से मैदान में उतारती है तो वह भाजपा में शामिल होने पर विचार कर सकते हैं. महाराज ने यह भी दावा किया कि अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी उन्हें टिकट देने को तैयार है.

कांग्रेस के दिग्गज नेता और राज्य के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव अंबिकापुर से मैदान में हैं.

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भाजपा इस पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाई हुई है. भाजपा के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल और पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय रविवार को चिंतामणि महाराज द्वारा आयोजित बलरामपुर जिले के कुसमी क्षेत्र में एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए. धार्मिक कार्यक्रम से इतर अग्रवाल और साय को महाराज से चर्चा करते देखा गया.

 

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बीजेपी ने दिया प्रस्ताव, लेकिन महाराज ने रखी शर्त

कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात करते हुए महाराज ने कहा कि बीजेपी उन्हें 2024 में लोकसभा चुनाव में उतारने के लिए तैयार है लेकिन उन्होंने अगले महीने अंबिकापुर से विधानसभा चुनाव लड़ने की शर्त रखी है. उन्होंने कहा कि भाजपा नेता उस कार्यक्रम में शामिल होने आए थे, जिस दौरान देवी काली की 31 फुट की मूर्ति का अनावरण किया गया.

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महाराज ने कहा, “उन्होंने (भाजपा नेताओं ने) यह भी कहा कि अगर मैं उनके साथ शामिल हो जाऊं तो अच्छा होगा. मैंने शर्त रखी है कि अगर वे मुझे अंबिकापुर से मैदान में उतारने पर सहमत हों तो मैं (भाजपा में शामिल होने) इस पर विचार करूंगा. हालांकि, उन्होंने कहा कि जो लोग अंबिकापुर सीट (बीजेपी से) से तैयारी कर रहे हैं, वे नाराज हो जाएंगे. वे मुझे लोकसभा में खड़ा करने के लिए तैयार हैं.”

महाराज ने दावा किया कि उन्होंने भाजपा नेताओं से कहा है कि वह छह महीने बाद अंबिकापुर सीट खाली कर देंगे और लोकसभा चुनाव लड़ेंगे.

उन्होंने कहा, “जो (भाजपा नेता) अब चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं, उन्हें (यदि उपचुनाव होता है) वहां से मैदान में उतारा जा सकता है. अगर वे इस शर्त को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं तो मैं (भाजपा में शामिल होने) भी विचार करूंगा.”

 

बृजमोहन अग्रवाल ने क्या कहा?

महाराज से चर्चा के बारे में पूछे जाने पर बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, “चिंतामणि महाराज जी के साथ जो हुआ वह उनके साथ अन्याय है. वह दुखी हैं (जाहिर तौर पर टिकट कटने के बाद) और हम उनका दर्द बांटने आए हैं.”

यह पूछे जाने पर कि न्याय कौन करेगा, भाजपा नेता ने कहा कि चूंकि महाराज कांग्रेस में हैं, इसलिए वही उनके साथ न्याय करेगी.

अग्रवाल ने भाजपा में शामिल होने के लिए महाराज द्वारा निर्धारित “शर्तों” पर संवाददाताओं के सवाल को टाल दिया.

 

सिंहदेव ने क्या कहा?

उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि जिनकी कांग्रेस पार्टी में निष्ठा है. वह टिकट मिलने या नहीं मिलने पर कभी भी पार्टी छोड़कर नहीं जाते हैं. वहीं व्यक्तिगत महत्वकांक्षाए बढ़ जाने के कारण पार्टी से ऊपर होने पर ही लोग पार्टी और विचार दोनों बदलते हैं.

सिंहदेव ने कहा, “चिंतामणि महाराज पूर्व में भाजपा में थे. फिर कांग्रेस में, अब फिर भाजपा में जाने की बात आप लोगों के माध्यम से सामने आई है. चिंतामणि महाराज की भाजपा से चुनाव लड़ने की बात भाजपा का अंदरूनी मामला है. वहीं रही बात टिकट कटने की तो सर्वे के आधार पर सिटिंग विधायकों का टिकट कटा है.”

उन्होंने कहा कि सभी लोग पार्टी के साथ बने रहें. सभी के मन मुताबिक, हर समय काम नहीं हो पाता है. समय-समय पर सभी को पार्टी की ओर से उचित स्थान दिया जाता रहा है.

 

चिंतामणि बनाम सिंहदेव की होगी टक्कर?

चिंतामणि महाराज वर्तमान में बलरामपुर जिले की सामरी सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं, जहां कांग्रेस ने विजय पैकरा को मैदान में उतारा है, जबकि बलरामपुर जिला पंचायत सदस्य उदेश्वरी पैकरा भाजपा की उम्मीदवार हैं.

भाजपा ने अभी तक अंबिकापुर सीट के लिए उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है, जिसका प्रतिनिधित्व वर्तमान में कांग्रेस के दिग्गज टीएस सिंह देव करते हैं. उन्हें इस सीट से दोबारा उम्मीदवार बनाया गया है. 90 सदस्यीय छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए 7 और 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा। सामरी और अंबिकापुर उन 70 सीटों में से हैं, जिन पर दूसरे चरण में मतदान होगा. वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी.

महाराज प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता दिवंगत संत रामेश्वर गहिरा गुरु के पुत्र हैं, जिनका उत्तरी छत्तीसगढ़ में, विशेषकर आदिवासियों के बीच अपने कार्यों से काफी प्रभाव था. अब देखना होगा कि भाजपा चिंतामणि की शर्तों को मानकर उन्हें टिकट देती है या फिर कांग्रेस उन्हें वक्त रहते साध लेगी?

(इनपुट-सुमी राजाप्पन)

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