छत्तीसगढ़ चुनाव का पहला चरण मंगलवार को; रमन, बैज और लखमा समेत इन दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर

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First Phase of Chhattisgarh Elections 2023- छत्तीसगढ़ में 20 सीटों के लिए विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए मतदान मंगलवार को होगा जहां कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है. यहां का मतदान इसलिए भी अहम है क्योंकि इनमें से कई सीटें नक्सल प्रभावित बस्तर डिवीजन में हैं. लिहाजा यहां 25,249 कर्मियों को तैनात किया गया है. पहले चरण में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह (राजनांदगांव), छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रमुख और सांसद दीपक बैज (चित्रकोट), मंत्री कवासी लखमा (कोंटा), मोहन मरकाम (कोंडागांव) और मंत्री मोहम्मद अकबर प्रमुख उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं.

10 सीटों मोहला-मानपुर, अंतागढ़, भानुप्रतापपुर, कांकेर, केशकाल, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंटा में सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच मतदान होगा. जबकि खैरागढ़, डोंगरगढ़, राजनांदगांव, डोंगरगांव, खुज्जी, पंडरिया और कवर्धा बस्तर, जगदलपुर और चित्रकोट में सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे के बीच वोट डाले जाएंगे.

पहले चरण में 25 महिलाओं सहित 223 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला अनुमानित 40,78,681 मतदाता करेंगे, जिनमें 19,93,937 पुरुष, 20,84,675 महिला और 69 तीसरे लिंग के व्यक्ति शामिल हैं. पहले चरण के लिए 5304 मतदान केंद्र बनाए गए हैं.

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राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि पहले चरण के मतदान के लिए 25,429 मतदान कर्मियों को तैनात किया गया है.

विज्ञप्ति में कहा गया है, “कुल 156 मतदान दलों को हेलीकॉप्टरों पर सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, कांकेर और नारायणपुर जिलों में भेजा गया है, जबकि 5,148 मतदान दलों को बसों द्वारा संबंधित बूथों पर भेजा गया है. 5,304 बूथों में से 2431 वेब कास्टिंग की सुविधा उपलब्ध होगी.”

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एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के 12 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान के सुचारू संचालन के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के 40,000 सहित 60,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं.

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20 सीटों में से 12 ST और एक SC वर्ग के लिए आरक्षित

20 सीटों में से 12 अनुसूचित जनजाति के लिए और एक अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है. चुनाव अधिकारियों ने कहा कि सबसे ज्यादा उम्मीदवार राजनांदगांव निर्वाचन क्षेत्र (29) में हैं, जबकि सबसे कम उम्मीदवारों की संख्या चित्रकोट और दंतेवाड़ा सीटों पर सात-सात है.

 

रमन, बैज, लखमा समेत ये हैं प्रमुख उम्मीदवार

छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रमुख और सांसद दीपक बैज (चित्रकोट), मंत्री कवासी लखमा (कोंटा), मोहन मरकाम (कोंडागांव) और मोहम्मद अकबर (कवर्धा) के साथ-साथ छविंद्र कर्मा (दंतेवाड़ा) जो दिवंगत नेता महेंद्र कर्मा के बेटे हैं, पहले चरण में सत्तारूढ़ दल के प्रमुख उम्मीदवारों में से हैं.

भाजपा के लिए पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह राजनांदगांव से कांग्रेस के छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.

भगवा पार्टी के अन्य प्रमुख चेहरों में चार पूर्व मंत्री लता उसेंडी (कोंडागांव सीट), विक्रम उसेंडी (अंतागढ़), केदार कश्यप (नारायणपुर) और महेश गागड़ा (बीजापुर), साथ ही केशकाल से पूर्व आईएएस अधिकारी नीलकंठ टेकाम शामिल हैं.

आम आदमी पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख कोमल हुपेंडी भानुप्रतापपुर सीट से चुनाव लड़ेंगे, जबकि विधायक अनूप नाग कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने के बाद अंतागढ़ सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.

 

इन 20 सीटों में से 19 पर कांग्रेस का कब्जा

इन 20 सीटों में से 19 पर कांग्रेस का कब्जा है, जिनमें दो सीटें उसने उपचुनाव में जीती थीं. 2018 के विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस ने इन 20 सीटों में से 17, भाजपा ने दो और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने एक सीट जीती थी.

 

इन मुद्दों पर मांगे गए वोट

प्रचार के पहले चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कथित महादेव सट्टेबाजी ऐप घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर हमला बोला, जबकि भारतीय जनता पार्टी के अन्य नेताओं ने धर्मांतरण, बिगड़ती कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार पर बात की.

भाजपा नेताओं ने रैलियों में लोगों को यह बताना सुनिश्चित किया कि उनकी पार्टी के वादे “मोदी की गारंटी” हैं.

कांग्रेस ने अपने अभियान को किसानों, महिलाओं, आदिवासियों और दलितों के लिए बघेल सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के साथ-साथ सत्ता बरकरार रखने पर कृषि ऋण माफ करने के वादे पर आधारित किया.

इसने “उद्योगपति मित्रों” को संसाधन “सौंपने” के लिए भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र पर भी हमला किया.

बता दें कि 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास 71 सीटें हैं. 2018 के चुनावों में कांग्रेस ने 2003 से राज्य पर शासन कर रही भाजपा को करारी शिकस्त दी थी.

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