‘सीएम बघेल को सपोर्ट करने की वजह से कटा टिकट’, विधायक ने टीएस सिंहदेव पर लगाए आरोप
Chhattisgarh Elections 2023- छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों के मद्देनजर टिकट बंटवारे को लेकर सियासी दलों में असंतोष और नाराजगी के सुर सुनाई देने लगे हैं. सरायपाली…
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Chhattisgarh Elections 2023- छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों के मद्देनजर टिकट बंटवारे को लेकर सियासी दलों में असंतोष और नाराजगी के सुर सुनाई देने लगे हैं. सरायपाली से कांग्रेस के मौजूदा विधायक किस्मत लाल नंद (Kismatlal Nand) पार्टी से उम्मीदवार नहीं बनाए जाने की वजह से जेसीसीजे के टिकट से चुनावी मैदान में हैं. वहीं टिकट नहीं मिलने के पीछे वो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के समर्थन करने को प्रमुख वजह बता रहे हैं. उनका कहना है कि बघेल का समर्थन करना उनके लिए नुकसानदायक रहा. इसके लिए नंद ने उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव (TS Singh Deo) को जिम्मेदार ठहराया है.
सरायपाली विधानसभा से जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) के प्रत्याशी किस्मत लाल नंद ने सोमवार को अपना नामांकन दाखिल कर दिया. कांग्रेस ने सरायपाली से चतुरी नंद को अपना उम्मीदवार बनाया है. नंद का कहना है कि कांग्रेस पार्टी ने 2018 में उनको टिकट दिया था और उन्होंने 52 हजार वोटों से जीत दर्ज की. विधायक बनने के बाद उन्होंने क्षेत्र में करोड़ो रूपए का विकास कार्य कराया. अच्छा प्रदर्शन के बाद भी इस बार उन्हें टिकट नहीं दिया. नंद ने कहा कि इसलिए उन्होंने समर्थकों के कहने पर जेसीसीजे से नामांकन भरा है.
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सीएम के विधायकों का कटा टिकट
नंद ने कहा, “जब मुख्यमंत्री बघेल को पता चला कि 75 प्रतिशत मुख्यमंत्री के विधायक थे उनका टिकट काट दिया गया है तब उनको लगा कि कांग्रेस कैसे चुनाव जीतेगी. तब उन्होंने सक्ति में कर्जमाफी की घोषणा की जबकि यह कोई कैबिनेट का फैसला नहीं था.”
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टीएस बाबा पर लगाया आरोप
किस्मत लाल नंद ने कहा कि स्टैंडिंग कमेटी में टीएस बाबा साहब हैं. टिकट बंटवारे में बाबा साहब की ही चली है. इसलिए सरगुजा में बहुत कम लोगों का टिकट कटा है.
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उन्होंने दावा किया, “ढाई-ढाई मुख्यमंत्री मामले हम लोग मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बचाने दिल्ली गए थे. उसमें से 75 प्रतिशत विधायकों के टिकट काट दिए गए हैं.”
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का सपोर्ट करना उनके लिए नुकसान दायक रहा.
कौन है किस्मत लाल?
किस्मत लाल एलएलबी की डिग्री लेने के बाद 1985 से 1989 तक कृषि अधिकारी के पद पर नौकरी की. फिर 1990 में सब इंस्पेक्टर चयनित हुए. उन्हें नक्सल क्षेत्र में अदम्य साहस का परिचय देने की वजह से आउट ऑफ टर्न प्रमोशन भी मिला. वहीं उन्हें राष्ट्रपति से वीरता पुरस्कार और गैलेंट्री अवार्ड भी मिला. साल 2018 में डीएसपी के पद से सेवानिवृत्त लेकर उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर विधायक के लिए चुनाव लड़ा.
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