Chhattisgarh News: महतारी वंदन योजना को लेकर बघेल का बड़ा आरोप, केवल चुनावी योजना

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Chhattisgarh News: कका यानी भूपेश बघेल, एक बार फिर छत्तीसगढ़ की राजनीति के केंद्र में आ गए हैं. वजह है कांग्रेस की ओर से उन्हे लोकसभा चुनाव में बतौर प्रत्याशी उतारा जाना और साथ ही पूर्व सीएम के वही पुराने तेवर में लौट आना. लोकसभा चुनाव में भूपेश बघेल की एंट्री के साथ ही राजनांदगांव से लोकसभा प्रत्याशी बनने के बाद ही अपने चिर परिचित अंदाज में तेवर दिखाते नजर आ रहे हैं. लोकसभा में छत्तीसगढ़ की 11 सीटों को लेकर अब चुनावी बिसात बिछना शुरु हो गया है. बीजेपी के प्रत्याशियों के जवाब में कांग्रेस ने भी छत्तीसगढ़ से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू समेत 6 दिग्गजों को मैदान में उतार दिया हैं.

 

महतारी वंदन में चुनाव के बाद कटेंगे नाम- बघेल

छत्तीसगढ़ में 15 साल तक मुख्यमंत्री रहे डॉ. रमन सिंह के क्षेत्र राजनांदगांव से कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को उतारकर बड़ा दांव खेल दिया है. जिसके बाद अब राजनांदगांव में चुनावी मुकाबला बेहद दिलचस्प और हाईप्रोफाइल होने वाला है. राजनांदगांव लोकसभा सीट में पूर्व सीएम भूपेश बघेल का मुकाबला बीजेपी के संतोष पांडेय से है. बीजेपी ने सांसद संतोष पांडेय पर दोबारा भरोसा जताया है. इस सीट में भले ही बीजेपी से संतोष पांडेय चुनाव मैदान में हो लेकिन यहां विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह की प्रतिष्ठा भी दांव पर लग गई हैं. बहरहाल प्रत्याशी बनते ही भूपेश बघेल बीजेपी पर जमकर बरसे. महतारी वंदन योजना पर बघेल ने कहा कि केवल ये चुनावी योजना है, चुनाव के बाद नाम काटे जाएंगे.

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छत्तीसगढ़ की अस्मिता की आवाज दिल्ली में गूंजेगी- भूपेश


बघेल ने बीजेपी सरकार पर किसानों से धोखाधड़ी करने का भी आरोप लगाया. कहा कि किसान अपने आपको ठगा महसूस कर रहे है. हमारी सरकार ने किसानों के लिए जिन योजनाओं को शुरु किया उस पर काम बंद किया जा रहा है. यही नहीं उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की अस्मिता और स्वाभिमान और सम्मान के लिए जो हमने काम किया है वो आवाज दिल्ली में भी मजबूती से गूंजेगी. बघेल ने बता दिया कि राजनांदगांव लोकसभा सीट से सिंगल नाम ही भेजा गया था. ऐसे में बघेल को राजनांदगांव से प्रत्याशी बनाए जाने के पीछे भी कांग्रेस का सियासी गणित है. दरअसल राजनांदगांव की 8 में से 5 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के विधायक जीतकर सदन पहुंचे है. ऐसे में लोकसभा के लिहाज से देखा जाए तो कांग्रेस का वोटिंग शेयर यहां ज्यादा है.

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राजनांदगांव लोकसभा से डॉ रमन को मिली बड़ी पहचान 


राजनांदगांव लोकसभा सीट वह सीट है जहां से ही लोकसभा चुनाव जीतकर डॉ रमन सिंह को राजनीति में बड़ा मुकाम हासिल हुआ था. बता दें कि डॉ रमन 1999 में राजनांदगांव में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता मोतीलाल वोरा को चुनाव हरा दिए थे. इस जीत के साथ ही रमन सिंह को अटल सरकार में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री बनाया गया था. इसके बाद ही वे प्रदेश अध्यक्ष बनकर फिर से छत्तीसगढ़ की राजनीति में मजबूत होकर लौटे और फिर 2003 में मुख्यमंत्री बनाए गए. 15 साल तक मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद डॉ रमन वर्तमान में राजनांदगांव विधानसभा सीट से विधायक है. ऐसे में भूपेश बघेल के लिए भी राजनांदगांव की लोकसभा सीट लकी साबित होगी ये तो समय बताएगा. लेकिन बघेल के ताल ठोकने के साथ ही ना केवल राजनांदगांव बल्कि प्रदेश का सियासी पारा हाई जरूर हो गया है.


राजनांदगांव से परमानंद रजक की रिपोर्ट 
 

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