‘चावल घोटाले’ पर घमासान: सीएम बघेल बोले- ईडी ने मनगढ़ंत आरोप लगाकर दिया भाजपा को चुनावी मुद्दा

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CM Baghel On Alleged Rice Scam- छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों से पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक और आरोप ने प्रदेश की सियासत को गरमा दिया है. एजेंसी ने दावा किया कि राज्य मार्कफेड के एक पूर्व प्रबंध निदेशक और एक स्थानीय चावल मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी ने “उच्च शक्तियों” के लाभ के लिए 175 करोड़ रुपये की रिश्वत ली. अब इसे लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को कहा कि ईडी ने एक बार फिर मनगढ़ंत आरोप लगाकर भाजपा को एक चुनावी मुद्दा दिया है. उन्होंने सवाल किया कि कस्टम मिलिंग के चार्ज वर्ष 2022-23 से ही बढ़ाए गए हैं यानी अभी एक ही साल का भुगतान हुआ है, तो चार साल के घोटालों का हिसाब कहां से आ गया?

सीएम बघेल ने ईडी के आरोपों को मनगढ़ंत करार देते हुए एक्स पर पोस्ट किया, “ईडी ने एक बार फिर मनगढ़ंत आरोप लगाकर भाजपा को एक चुनावी मुद्दा दिया है. अमित शाह के इशारे पर अबकी बार वे चावल घोटाले की बात कर रहे हैं. रमन सिंह 15 साल मुख्यमंत्री रहे हैं. पर उनके बयान से ज़ाहिर है कि उन्हें कामकाज का अंदाज़ा अभी भी नहीं हुआ है.”

मुख्यमंत्री बघेल ने पूछा, “कस्टम मिलिंग के चार्ज तो वर्ष 2022-23 से ही बढ़ाए गए हैं यानी अभी एक ही साल का भुगतान हुआ है, तो चार साल के घोटालों का हिसाब कहां से आ गया?”

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सरकार को बदनाम करने के लिए आंकड़े जारी न करे ईडी

बघेल ने कहा कि ईडी ने 10-12 राइस मिलरों से बयान लेकर अनुमान लगा लिया है, अगर एजेंसी 2,200 मिलरों के बयान दर्ज कर ले फिर किसी आंकड़े की बात करे. सरकार को बदनाम करने के लिए आंकड़े जारी न करे.

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पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि रमन सिंह जब प्रदेश के मुखिया थे तो हर साल किसानों से खरीदे गए 60-70 लाख टन धान की मिलिंग भी नहीं हो पाती थी. सुखत, चोरी, ब्याज, संग्रहण केंद्रों के रखरखाव और धान के खराब होने से हर साल सैकड़ों करोड़ का नुकसान होता था. वे जनता को यह नहीं बताएंगे कि कस्टम मिलिंग की नई प्रणाली शुरु होने के बाद 97 लाख टन धान का उठाव बरसात से पहले ही हो गया और राज्य की 2000 करोड़ रुपयों की बचत हुई है.

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‘पर ये पब्लिक है डॉक्टर साहब!

सीएम बघेल ने एजेंसी पर आरोप लगाया,  “ईडी झूठे आंकड़े इसीलिए जारी कर रही है जिससे कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार को बदनाम करने के लिए भाजपा को हथियार मिल सके.”

उन्होंने कहा, “पर ये पब्लिक है डॉक्टर साहब! ये सब जानती है. वो देख रही है कि कैसे भाजपा ईडी, आईटी और सीबीआई जैसी एजेंसियों की सहायता से चुनाव लड़ना चाहती है.”

 

रमन सिंह ने क्या कहा?

ईडी के आरोपों पर डॉ रमन सिंह ने भूपेश बघेल की नेतृत्व वाली सरकार पर हमला बोला. उन्होंने सोमवार को एक्स पर लिखा, “कोयले में ₹25 प्रति टन चोरी करने वाली इस भ्रष्ट सरकार ने धान की मिलिंग में भी ₹20 प्रति क्विंटल का भ्रष्टाचार किया है. हर साल ₹175 करोड़ की लूट करके इस भ्रष्ट कांग्रेसी सरकार ने पिछले सालों में सिर्फ़ मिलिंग में भ्रष्टाचार करके ₹700 करोड़ डकार लिए हैं.”

 

ईडी-बघेल आमने-सामने

पिछले कुछ महीनों में संघीय जांच एजेंसी ने कांग्रेस शासित राज्य में कोयला लेवी, शराब शुल्क और एक अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप “घोटाले” का खुलासा करने का दावा किया है. ईडी ने आरोप लगाया है कि इन सभी मामलों में, स्थानीय राजनेताओं और नौकरशाहों की सांठगांठ के माध्यम से करोड़ों रुपये की रिश्वत ली गई थी. इसने अब तक इन उपर्युक्त मामलों में कई भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारियों, एक पुलिस अधिकारी और कुछ अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं कस्टम चावल-मिलिंग “घोटाले” में ईडी ने एक बयान में आरोप लगाया है कि उन्हें पूर्व मार्कफेड एमडी मनोज सोनी, राज्य चावल मिलर्स एसोसिएशन के कोषाध्‍यक्ष रोशन चंद्राकर सहित कुछ पदाधिकारियों, जिला मार्केटिंग अधिकारियों और कुछ राइस मिलर्स के ठिकानों पर  20 और 21 अक्‍टूबर को ली गई तलाशी के बाद यह सांठगांठ मिली है. ईडी ने यह आरोप ऐसे समय में लगाए हैं जब 90 सदस्यीय छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए दो चरणों में 7 नवंबर और 17 नवंबर को मतदान होगा और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी. भाजपा कथित चावल घोटाला को मुद्दा बनाकर लगातार सत्तारूढ़ कांग्रेस को घेरती रही है. वहीं भूपेश बघेल अपने कई इंटरव्यू में बोले चुके हैं कि इस बार भाजपा नहीं बल्कि ईडी चुनाव लड़ रहा है. छत्तीसगढ़ में चुनावी लड़ाई मुख्य रूप से दो प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियों- कांग्रेस और भाजपा- के बीच है.

इसे भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ राइस मिलिंग घोटाला: ईडी का बड़ा आरोप- पूर्व प्रबंध निदेशक ने ली 175 करोड़ रुपए की रिश्‍वत; किए कई दावे

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