Kawardha Sadhram Murder Case: कवर्धा में साधराम मर्डर का आतंकी कनेक्शन! छत्तीसगढ़ में पहली बार हुआ ऐसा एक्शन

वेदांत शर्मा

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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के कवर्धा (Kawardha Sadhram Murder Case) में गौसेवक साधराम यादव (Sadhram Yadav) की हत्या के मामले में अब पुलिस ने बड़ा एक्शन ले लिया है. 20 जनवरी को कवर्धा के लालपुर में साधराम की गला रेतकर हत्या हुई थी. इस मामले में पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. अब साधराम हत्याकांड के मामले में कवर्धा पुलिस ने UAPA यानी गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत एक और मामला दर्ज किया है.

हत्याकांड का उद्देश्य दहशत फैलाना था- एसपी

प्रदेश में यह अपने तरह का पहला मामला है, जब किसी मर्डर में यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है. एसपी अभिषेक पल्लव ने कहा कि यूएपीए आतंकवादी गतिविधियों के रोकथाम के लिए बनाए गया विशेष कानून है. कोई भी ऐसी घटना जो जनता में भय का महौल बनाने, दहशत फैलाने के लिए की गई हो उस पर ऐसी जांच की जा सकती है. इस हत्याकांड़ का उद्देश्य दहशत फैलाना था, हत्या का पैटर्न भी ISIS जैसा ही था. हत्या के दूसरे दिन राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम था, इसके पहले ही यह हत्या भय फैलाने के लिए की गई. गिरफ्तार आरोपियों के कॉल डिटेल्स और लैपटॉप से अहम सबूत हाथ लगे हैं. ये लोग कश्मीर और दूसरे राज्य भी गए थे. काफी संदिग्ध लोगों से इनके संपर्क थे,जो कि आईएसआईएस और दूसरे संगठनों से भी जुड़े है.

हत्या के विरोध में कवर्धा बंद भी रहा

बता दें कवर्धा के कोतवाली इलाके में 21 जनवरी रविवार की सुबह साधराम यादव का शव मिला था. वह कवर्धा के एक गोशाला में चरवाहा का काम करता था. घटना के 24 घंटे के भीतर पुलिस ने उसी दिन हत्याकांड के 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. साधराम ही हत्या के बाद डिप्टी सीएम विजय शर्मा  (Vijay Sharma) भी परिजनों से मिलकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई का दावा किए थे. इतना हीं नहीं साधराम की हत्या के विरोध को लेकर 14 फरवरी को विश्व हिंदू परिषद ने जिला बंद भी किया था. पूर्व में मुख्य आरोपी अयाज खान के अवैध मकान निर्माण पर प्रशासन ने बुलडोजर भी चलाया था.

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साधराम की पत्नी ने की हत्यारों को फांसी की मांग

मुख्य आरोपी अयाज खान पर आंतकवादी संलिप्तता मे शामिल होने का आरोप लगता रहा जिसके बाद पुलिस ने जम्मू कश्मीर और देश के अन्य राज्यों से उसके कनेक्शन को भी खंगाला. वहीं राज्य सरकार की ओर से साधराम के परिवार को 5 लाख की आर्थिक सहायता भी दी गई, लेकिन उनकी पत्नी ने इस चेक को कलेक्टर को वापस कर दिया था. साधराम की पत्नी प्रमिला बाई यादव ने हत्या के आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की थी. अब साधराम की हत्या के मामले में गिरफ्तार आरोपियों पर आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता जैसे सबूत हाथ लगने से पुलिस आने वाले समय में और भी बड़ा खुलासा कर सकती है. आने वाले समय में यूएपीए की कुछ और धाराएं लगाई जाएं और कुछ बड़ा खुलासा हो.

कवर्धा से वेदांत शर्मा की रिपोर्ट

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