छत्तीसगढ़ कैबिनेट: मंत्री बन गए लेकिन विभाग मिलने का इंतजार, कब खत्म होगा सस्पेंस?
Chhattisgarh Cabinet Ministers Updates- छत्तीसगढ़ में मंत्रियों के शपथ ग्रहण को 6 दिन बीत चुके हैं, लेकिन विभागों का बंटवारा अभी तक नहीं हुआ है.…
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Chhattisgarh Cabinet Ministers Updates- छत्तीसगढ़ में मंत्रियों के शपथ ग्रहण को 6 दिन बीत चुके हैं, लेकिन विभागों का बंटवारा अभी तक नहीं हुआ है. साय कैबिनेट में किसे क्या जिम्मेदारी मिलेगी इसके देरी होने का कारण अंतिम फैसला दिल्ली में होने को माना जा रहा है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं लिहाजा संभावना है कि बुधवार शाम तक विभागों का ऐलान हो सकता है. बता दें कि 90 विधानसभा सीट वाले छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने 54 सीटों पर जीत हासिल की है. जबकि कांग्रेस 35 सीटों पर सिमट गई है.
साल 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ तब से लेकर अब तक प्रदेश में पांच बार सरकारें बनी हैं और पांच बार मंत्रिमंडल का गठन भी हुआ है. अब तक मंत्रियों के शपथ ग्रहण के बाद उसी दिन या एक दो दिन में मंत्रियों के विभागों का बंटवारा होते आया है, लेकिन इस साल हुए विधानसभा चुनाव के बाद मंत्रियों के शपथ लेने के 6 दिन बाद भी यह साफ नहीं हो पाया है कि किस मंत्री को कौन से विभाग की जिम्मेदारी दी जाएगी. दरअसल, राज्य में नई सरकार को लेकर आम लोगों में काफी उत्सुकता है लिहाजा लोग सरकार से जुड़ी हर जानकारी लेने के लिए उत्सुक दिखाई दे रहे हैं. इसी सिलसिले में मंत्रियों के विभागों के बंटवारे को लेकर भी लोगों में रुचि दिख रही है.
संविधान में कोई समय सीमा नहीं…
वैसे तो संविधान में मंत्रियों को विभाग देने का कोई समय सीमा तय नहीं है लेकिन राजनीतिक परंपरा के मुताबिक शपथ ग्रहण के इतने दिनों बाद तक मंत्रियों के विभागों का बंटवारा हो जाना चाहिए था. हालांकि यह मुख्यमंत्री पर निर्भर है कि वह यह काम कब करते हैं, जब तक वे विभागों का बंटवारा नहीं होता तब तक सभी विभागों का अधिकार मुख्यमंत्री के पास ही होता है. दूसरी ओर मंत्रियों को जब तक विभाग नहीं मिल जाता वे किसी विभाग का कोई काम नहीं कर सकते ऐसे में वे बिना विभाग के ही मंत्री बने रहेंगे.
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इसलिए लोगों को है विभाग बंटवारे का इंतजार…
सरकार की कैबिनेट में वैसे तो सभी मंत्रियों का अधिकार समान होता है लेकिन मंत्रियों के कामकाज की दिशा और पावर उनके विभागों से तय होती है. यही नहीं मंत्रियों को उनके अनुभव और कार्य क्षमता के आधार पर विभाग बांटे जाते हैं. हालांकि मंत्रियों के चयन से लेकर विभाग के बंटवारे तक का सारा संवैधानिक अधिकार मुख्यमंत्री के हाथों में होता है.
मंत्रियों के जो पद बांटे गए हैं उनमें कई बार चुनाव जीतने वाले और कई बार मंत्री के रूप में काम करने वाले अनुभवी नेताओं के साथ ही पहली बार विधानसभा में जीतकर आने वाले विधायकों को भी मंत्री बनने का मौका दिया गया है. वहीं अभी एक मंत्री पद खाली रखा गया है. इसी वजह से भी लोगों की उत्सुकता है कि किस मंत्री को कौन सा विभाग का जिम्मा दिया जाएगा.
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सस्पेंस का दौर कब तक?
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बनी भाजपा सरकार में एक मंत्री पद को छोड़कर पूरे मंत्रिमंडल की शपथ हो चुकी है. सबसे पहले मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्रियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में आयोजित भव्य समारोह में शपथ दिलाई गई थी. 3 दिसंबर को परिणाम आने के 10 दिनों बाद मुख्यमंत्री और दो डिप्टी सीएम को शपथ दिलाई गई. उसके बाद माना जा रहा था कि जल्द ही मंत्रियों के नाम और विभाग का बंटवारा हो जाएगा. हालांकि मंत्रियों के चयन में भी समय लगा और फिर 22 दिसंबर को 9 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई, लेकिन इस समय या उसके बाद मंत्रियों के विभाग की घोषणा नहीं हो पाई.
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अब राज्य की जनता के बीच यह सबसे बड़ा चर्चा है कि किस मंत्री को कौन सा विभाग दिया जाएगा. हालांकि इस साल चुनाव परिणाम आने बाद सभी मसलों पर सस्पेंस का दौर बरकरार है और ऐसी स्थिति लोकसभा के प्रत्याशी चयन तक कायम रहने की संभावना है.
(रायपुर से अजय सोनी की रिपोर्ट)
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