छत्तीसगढ़ के लिए बड़ी रणनीति में जुटी कांग्रेस, पार्टी के पास है ये दो प्लान!
Chhattisgarh Congress News- छत्तीसगढ़ की सत्ता खोने के बाद कांग्रेस (Chhattisgarh Congress) की नजर अब लोकसभा- चुनाव (Lok Sabha Chunav 2023) में है. 11 लोकसभा…
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Chhattisgarh Congress News- छत्तीसगढ़ की सत्ता खोने के बाद कांग्रेस (Chhattisgarh Congress) की नजर अब लोकसभा- चुनाव (Lok Sabha Chunav 2023) में है. 11 लोकसभा सीटों वाले राज्य में पार्टी हर हाल में अपनी पकड़ मजबूत बनाने के लिए जद्दोजहद कर रही है. इसके लिए पार्टी संगठन से लेकर गठबंधन तक के लिए कुछ रणनीति पर काम कर रही है. इसमें जहां कांग्रेस की छत्तीसगढ़ इकाई में कुछ नई तब्दिलियां की जा रही हैं, वहीं इंडिया गठबंधन (India alliance) के साथ सीट शेयरिंग को लेकर भी पार्टी ने अपना फॉर्मूला तैयार कर लिया है.
90 विधानसभा सीटों वाले छत्तीसगढ़ में पार्टी इस बार 35 सीटों पर सिमट गई है. मौजूदा बस्तर सांसद और पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज भी अपनी सीट नहीं बचा सके. बावजूद पार्टी ने उनपर अपना भरोसा कायम रखा है और उनका अध्यक्ष पद बरकरार रखा गया. वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता और सक्ती विधायक चरण दास महंत को नेता प्रतिपक्ष की कमान सौंपी गई, पूर्व सीएम भूपेश बघेल को राष्ट्रीय गठबंधन समिति का सदस्य बनाया गया. जबकि अंबिकापुर सीट से हार का सामना करने वाले पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव को लोकसभा चुनावों के लिए घोषणा पत्र समिति का संयोजक नियुक्त किया गया. वहीं पार्टी ने कुमारी सैलजा की जगह सचिन पायलट को प्रदेश प्रभारी पद की जिम्मेदारी दी. इन बदलावों के बाद पार्टी अब कुछ और परिवर्तनों पर विचार कर रही है.
दो कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने पर विचार
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस छत्तीसगढ़ पीसीसी में दो कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने पर विचार कर रही है. जानकारी के मुताबिक, यह प्रक्रिया एक साल से अधिक समय से पाइपलाइन में है. हालांकि, कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति पर जल्द ही अंतिम फैसला होने की उम्मीद है. दोनों कार्यकारी अध्यक्ष अलग-अलग समुदाय से होंगे. एक के सामान्य वर्ग से होने की संभावना है जबकि दूसरा ओबीसी/एससी समुदाय से हो सकता है.
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बता दें कि पीसीसी छत्तीसगढ़ के आखिरी कार्यकारी अध्यक्ष साल 2018 में शिव डहरिया थे.
छत्तीसगढ़ में कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस?
कांग्रेस ने गठबंधन समिति की मैराथन बैठक कर सीट बंटवारे के फार्मूले को अंतिम रूप दे दिया है. इस दौरान दस से अधिक राज्यों के नेताओं से मुलाकात की गई. सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस 290 से अधिक सीटों पर ‘एकला चलो रे’ के साथ चुनाव लड़ने पर विचार कर रही है और उन राज्यों में भी चुनाव लड़ रही है जहां वह गठबंधन में है. इस दौरान छत्तीसगढ़ की लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के अपने फार्मूले पर भी फैसला लिया है.
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पार्टी की सिटिंग सीटों पर रिपोर्ट ली गई और उन सीटों पर भी रिपोर्ट ली गई जहां 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही थी. इस दौरान बिहार, यूपी, उत्तराखंड, गुजरात, जम्मू, कश्मीर, केरल, तमिलनाडु, पंजाब दिल्ली बंगाल और झारखंड की बैठक हुई. इन बैठकों की रिपोर्ट पार्टी आलाकमान को पहले ही दी जा चुकी है, गठबंधन समिति को हर राज्य के लिए एक नोट तैयार करने को कहा गया है. संभव है कि राज्यवार बातचीत के लिए गठबंधन समिति के सदस्य को आगे तैनात किया जाए.
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4 जनवरी को लग जाएगी अंतिम मुहर?
कांग्रेस 4 जनवरी को पार्टी मुख्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक करेगी जिसमें सीट बंटवारे के फॉर्मूले पर मुहर लगाई जाएगी जिसे पार्टी गठबंधन सहयोगी के सामने रखेगी. इस बैठक में विभिन्न राज्यों के नेतृत्व को बुलाया गया है, जिसे अंतिम माना जा रहा है.
नीचे उन सीटों का राज्यवार ब्यौरा दिया गया है जिन पर कांग्रेस संभवतः चुनाव लड़ना चाहेगी. इसमें छत्तीसगढ़ कितनी सीटों पर पार्टी चुनाव लड़ना चाहती है इसका भी आंकड़ा है.
जम्मू-कश्मीर में 2, लद्दाख में एक, पंजाब में 6 और चंडीगढ़ में 1, हिमाचल प्रदेश में 4, हरियाणा में 10, दिल्ली में 3, राजस्थान में 25, मध्य प्रदेश में 29, छत्तीसगढ़ में 11, उत्तर प्रदेश में 15-20, उत्तराखंड में 5, बिहार में 6 से 8, गुजरात 26, ओडिशा में 21, बंगाल में 6 से 10, आंध्र प्रदेश में 25, तेलंगाना में 17, कर्नाटक में 28, महाराष्ट्र में 16 से 20, तमिलनाडु में 8, केरल में 16, पूर्वोत्तर में 25, गोवा में 2, झारखंड में 7.
(इनपुट- मौसमी सिंह, सुमी राजाप्पन)
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