छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र: सदन में गूंजा ‘न्यूड प्रदर्शन’ का मुद्दा, भाजपा बोली- सरकार ने युवाओं को नग्न होने पर किया मजबूर

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छत्तीसगढ़ विधानसभा के बाहर अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति के युवाओं के नग्न प्रदर्शन का मुद्दा सदन में भी गूंजा. विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव पेश कर चर्चा की मांग की. घटना के बाद सूबे की सियासत उफान पर है. लिहाजा सदन में भी सरकार और विपक्ष के बीच जमकर आरोप-प्रत्यारोप हुए. इस दौरान भाजपा के नेताओं ने सत्तारूढ़ कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. हालांकि कांग्रेस ने भी भाजपा पर पलटवार किया. नग्न प्रदर्शन को कांग्रेस ने महिलाओं का अपमान बताया.

बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि यहां देश को शर्मसार करने वाली घटना घटी है. एसटी-एसी वर्ग के युवाओं ने मंत्रियों के काफिले के सामने नग्न प्रदर्शन किया. देश में ऐसी घटना नहीं घटी.

बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने भूपेश सरकार को घेरते हुए कहा, “सरकार पर लानत है. इस सरकार ने युवाओं को नग्न होने पर मजबूर कर दिया. घटना से हम सब शर्मसार हुए हैं. नग्न प्रदर्शन करते हुए युवा विधानसभा के करीब पहुंच गए. एससी-एसटी वर्ग के युवाओं का अपनी मांगों को लेकर नग्न प्रदर्शन पराकाष्ठा है. इस मामले में अब तक किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई.

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भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा, “यह देश में पहली बार हुआ कि एससी-एसटी वर्ग के युवाओं ने सरकार के सामने नग्न प्रदर्शन किया. सरकार को यह मालूम था कि युवाओं में नाराजगी है.”

लेकिन यहां युवाओं पर की जा रही है कार्रवाई…

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भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने प्रदर्शनकारी युवाओं की गिरफ्तारी पर सरकार को घेरते हुए कहा, “फर्जी प्रमाण पत्र के ज़रिए नौकरी कर रहे लोगों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए लेकिन यहां युवाओं पर कार्रवाई की जा रही है.”

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पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने इसे संवेदनशील मामला करार दिया. उन्होंने कहा, “इसे राजनीति से ऊपर उठकर देखन चाहिए. छत्तीसगढ़ का व्यक्ति सरल, संकोची होता है. एससी-एसटी वर्ग के युवा अपने अधिकारों को लेकर पीड़ित हैं. इस मामले में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक हाईपॉवर कमेटी बनाकर जाँच कराई जाये और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.”

वहीं विधायक धर्मजीत सिंह ने मामले की जांच कराने की मांग की. उन्होंने कहा, “एक हाईपॉवर कमेटी बनाकर इस मामले की जाँच कराई जानी चाहिए.”

बसपा ने भी बघेल सरकार को घेरा

बसपा विधायक केशव चंद्रा ने पूरे मामले में कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लेते हुए  कहाष “एक साधु नग्न होकर आता है तो उसकी पूजा की जाती है लेकिन जब अपने अधिकारों को लेकर एक वर्ग का युवा प्रदर्शन करता है तब उल्टे उन्हें ही जेल में डाल दिया जाता है.”

नग्न प्रदर्शन महिलाओं का अपमान

कांग्रेसी विधायक संगीता सिन्हा और कुलदीप जुनेजा ने नग्न प्रदर्शन को महिलाओं का अपमान करार दिया. उन्होंने कहा, “नग्न प्रदर्शन को जायज़ नहीं ठहराया जा सकता. नग्न होकर प्रदर्शन महिलाओं का अपमान है. प्रदर्शन ऐसा नहीं हो सकता.

वहीं मंत्री शिव डहरिया ने इस पूरे मामले को लेकर बीजेपी पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र से नियुक्ति करने वाली बीजेपी सरकार ही थी. बीजेपी सरकार के वक़्त ये नियुक्तियां की गई थी.

युवाओं को समझाने के बजाय उकसा रही भाजपा

नग्न प्रदर्शन पर मचे बवाल को लेकर मंत्री अमरजीत भगत ने सारा ठीकरा भाजपा पर फोड़ा. उन्होंने कहा कि भाजपा युवाओं को समझाने के बजाय उकसाने की कोशिश कर रही है. देश में बड़े-बड़े आंदोलन हुए. गांधी जी ने देश को आजाद कराने के लिए आंदोलन, धरना प्रदर्शन,दांडी यात्राएं की हैं. लेकिन कभी इस प्रकार के आंदोलन को समर्थन नहीं दिया. लेकिन भाजपा राजभवन जाकर तथ्यों पर बात करने की बजाय उनको उकसाने की बात कर रही है. यह समाज के लिए उदाहरण नहीं हो सकता.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने आगे कहा , “भाजपा से मेरा आग्रह है कि हमेशा तथ्यात्मक राजनीति करे. गांधीवादी विचारधारा में राजनीति करनी चाहिए. अगर राजभवन गए तो विधानसभा से पारित आरक्षण संशोधन विधेयक पर राज्यपाल के हस्ताक्षर के लिए अनुरोध करें.”

उन्होंने सवाल किया,  क्या एक बार भी राज्यपाल से हस्ताक्षर के लिए आग्रह किया है..? नहीं किया तो क्यों…? केवल विरोध की राजनीति करेंगे, सरकार को बदनाम करने के लिए कार्य कर रहे हैं यह उचित नहीं है.”

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