चौधरी, बघेल, कौशिक बनेंगे मंत्री! साय कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं ये 8 चेहरे

ChhattisgarhTak

ADVERTISEMENT

ChhattisgarhTak
social share
google news

Chhattisgarh Cabinet expansion- छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अब भी अटकलों का दौर जारी है. मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्रियों के शपथ लेने के बाद 10 मंत्री पद रिक्त हैं. यानी 10 विधायक मंत्री बनाए जा सकते हैं. लिहाजा लोगों की दिलचस्पी मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर तो है ही साथ ही नई कैबिनेटे में किन-किन नए-पुराने चेहरों को जगह मिलेगी यह भी सबसे बड़ा सवाल है.

13 दिसंबर को विष्णुदेव साय (Vishnu Deo Sai) ने दो डिप्टी सीएम अरुण साव (Arun Sao) और विजय शर्मा (Vijay Sharma) के साथ राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. इसके बाद जल्द ही कम से कम आठ विधायक मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. शपथ लेने वाले संभावित नामों में- बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर, लता उसेंडी, ओपी चौधरी, केदार कश्यप, ⁠दयालदास बघेल, ⁠धरम लाल कौशिक और ⁠रेणुका सिंह शामिल हैं.

सूत्रों के अनुसार, मंत्रिमंडल में सभी जातियों को बराबर प्रतिनिधित्व दिया जाएगा. कैबिनेट मंत्री पांचों मंडलों से होंगे. इसे लेकर केंद्रीय नेतृत्व के नेताओं के बीच विचार-विमर्श जारी है. अंतिम सूची जल्द ही सामने आएगी.

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

जानें इन 8 दिग्गजों के बारे में जो बन सकते हैं मंत्री…

बृजमोहन अग्रवाल

बीजेपी के कद्दावर नेता बृजमोहन अग्रवाल साल 2023 में आठवीं बार विधायक बने हैं. अविभाजित मध्य प्रदेश में राज्य मंत्री रहने के अलावा वे छत्तीसगढ़ सरकार में तीन बार कैबिनेट मंत्री रहे हैं. साल 1990 में अग्रवाल पहली बार विधायक बने थे. इस बार उन्होंने रायपुर दक्षिण से कांग्रेस के प्रत्याशी महंत राम सुंदर दास को 67,919 मतों से पराजित किया. कॉमर्स और आर्ट्स में दोनों विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन करने वाले अग्रवाल के पास एलएलबी की भी डिग्री ली है.

अजय चंद्राकर

अपनी बेबाकी के लिए विख्यात बीजेपी नेता अजय चंद्राकर साल 2023 में पांचवीं बार विधायक बने हैं. वे पिछली रमन सरकार में छत्तीसगढ़ वित्त आयोग के अध्यक्ष, तकनीकी और उच्च शिक्षा मंत्री, संस्कृति और पर्यटन मंत्री, गृह जेल मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री के तौर पर भी जिम्मा संभाल चुके हैं. 1998 में वे पहली बार विधायक बने थे. इस बार उन्होंने कांग्रेस की तारणी चंद्राकर को 8090 मतों से हराया.

ADVERTISEMENT

लता उसेंडी

आदिवासी नेता और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लता उसेंडी साल 2023 में तीसरी बार विधायक बनी हैं. कोंडागांव में लता उसेंडी ने मोहन मरकाम को 18572 वोटों से हराया. साल 2003 में पहली बार विधायक निर्वाचित होने के बाद वे रमन सरकार में मंत्री बनीं थीं. साल 2008 में भी उन्हें मंत्री बनाया गया था, लेकिन साल 2013 और 2018 में उसेंडी चुनाव हार गईं थीं. उसेंडी ने बीए की शिक्षा हासिल की है.

ADVERTISEMENT

ओपी चौधरी

आईएएस अधिकारी से राजनेता बने ओपी चौधरी साल 2023 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुए हैं. 2005 बैच के आईएएस अधिकारी रहे चौधरी ने कांग्रेस के सिटिंग विधायक प्रकाश नायक को रायगढ़ सीट 64443 मतों से हराया. रायपुर और दंतेवाड़ा में कलेक्टर के पद पर काम कर चुके चौधरी को बीजेपी ने साल 2018 में खरसिया से चुनावी मैदान पर उतारा था लेकिन इस दौरान उनको यहां कामयाबी नहीं मिली थी. बता दें कि प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह रायगढ़ आए थे तो उन्होंने जनता से अपील की थी कि ओपी चौधरी को जीत दिला दें, अगर औसा होता है तो वो ओपी चौधरी को ‘बड़ा आदमी’ बना देंगे.

केदार कश्यप

बस्तर के दिग्गज आदिवासी नेता केदार कश्यप साल 2023 में चौथी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं. उनके पिता बलिराम कश्यप भी बस्तर संभाग में कद्दावर नेता माने जाते थे. साल 2003 में केदार कश्यप पहली बार विधायक निर्वाचित हुए थे. प्रदेश में बीजेपी की तीनों पारी- 2003, 2008, 2013 में वे मंत्री पद संभाल चुके हैं. इस बार उन्होंने नारायणपुर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी और सीटिंग विधायक चंदन कश्यप को 19,188 वोटों से हराया. केदार कश्यप ने स्नातकोत्तर तक की शिक्षा हासिल की है.

दयालदास बघेल

सरपंच के तौर पर अपने सियासी सफर की शुरुआत करने वाले दयाल दास बघेल साल 2023 में नवागढ़ विधानसबा से विधायक निर्वाचित हुए हैं. बीजेपी उन्हें छह बार टिकट दे चुकी है. साल 2003 में बघेल पहली बार विधायक निर्वाचित हुए थे. इसके बाद वे साल 2008 और 2013 में भी विधायक चुने गए. बीजेपी सरकार के दौरान वे मंत्री पद का जिम्मा संभाल चुके हैं. साल 2023 में बघेल ने कांग्रेस उम्मीदवार गुरु रूद्र कुमार को 15,177 वोटों के अंतर से हराया है. बघेल दसवीं पास हैं.

धरम लाल कौशिक

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक साल 2023 में चौथी बार विधायक चुने गए हैं. साल 2003 में चुनाव हारने के बाद भी उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा मिला था. साल 2008 से 2013 तक वे छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष की भूमिका में रहे. साल 2013 में विधानसभा चुनाव हारने के बाद कौशिक को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली. साल 2018 में वे नेता प्रतिपक्ष बनाए गए थे. वरिष्ठ बीजेपी नेता ने एमए और एलएलबी की डिग्री हासिल की है. इस बार धरम लाल कौशिक ने कांग्रेस प्रत्याशी सियाराम कौशिक को 8957 वोटों से हराया है.

रेणुका सिंह

सीएम रेस में रहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री और आदिवासी नेता रेणुका सिंह इस बार भरतपुर सोनहत से विधायक चुनी गईं हैं. सिंह ने जनपद पंचायत चुनाव से राजनीति में पदार्पण किया था. वे साल 1999 में पहली बार जनपद पंचायत की सदस्य चुनीं गईं. इसके बाद साल 2000 में भाजपा ने उनको रामानुजनगर मंडल का अध्यक्ष बना दिया. साल 2003 में सिंह पहली बार सरगुजा संभाग की रामानुजनगर विधानसभा से विधायक चुनी गईं. सरगुजा क्षेत्र से आने वालीं रेणुका सिंह साल 2008 में दूसरी बार विधायक बनी. इस दौरान रेणुका महिला एंव बाल विकास राज्यमंत्री मंत्री रहीं. साल 2019 में सरगुजा संसदीय क्षेत्र में वे सांसद बनीं. इसके बाद सिंह मोदी सरकार में जनजातीय मामलों की केंद्रीय राज्य मंत्री की भूमिका में रहीं. स्नातक तक की शिक्षा हासिल करने वालीं रेणुका सिंह ने साल 2023 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी गुलाब सिंह कमरो को 4749 वोटों से हराया है.

इसे भी पढ़ें- Chhattisgarh Cabinet Oath Taking Ceremony: कब होगा शपथ ग्रहण समारोह? ये विधायक बनेंगे मंत्री!

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT