छत्तीसगढ़ राजनीति: विजय शर्मा बने गृहमंत्री, क्या है BJP का बड़ा प्लान?

अक्षय दुबे 'साथी'

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Chhattisgarh Home Minister Vijay Sharma News: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Vishnu Deo Sai) ने शुक्रवार को खनिज संसाधन, वाणिज्यिक कर (आबकारी) और सामान्य प्रशासन विभाग अपने पास रखते हुए डिप्टी सीएम विजय शर्मा (Vijay Sharma) को गृह विभाग की बड़ी जिम्मेदारी दी है. पहली बार विधायक बनने वाले शर्मा डिप्टी सीएम बनाए गए हैं वहीं उनको राज्य में गृह मंत्रालय की बड़ी जिम्मेदारी भी दी गई है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कवर्धा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले शर्मा को इस मंत्रालय की कमान देने के पीछे बीजेपी का क्या प्लान है?

छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम विजय शर्मा हिंदुत्व के मुखर समर्थक हैं. हाल के चुनावों में, उन्होंने कवर्धा निर्वाचन क्षेत्र में प्रभावशाली कांग्रेस नेता और तत्कालीन मंत्री मोहम्मद अकबर को 39,592 वोटों से हराया. गौरतलब है कि शर्मा (50) को अक्टूबर 2021 में कबीरधाम जिले के कवर्धा शहर में सांप्रदायिक हिंसा के सिलसिले में दंगे के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

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इस घटना ने बना दी अलग पहचान

कवर्धा में एक सड़क से धार्मिक झंडे हटाने को लेकर सांप्रदायिक झड़प हो गई थी. घटना के दो दिन बाद कुछ दक्षिणपंथी संगठनों ने विरोध रैली निकाली जिसके दौरान हिंसा भड़क उठी.

पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में भाजपा सांसद संतोष पांडे, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह और विजय शर्मा को दंगा भड़काने और अन्य आरोपों में एफआईआर में नामित किया था. शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया और बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया.

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राजनीति में ऐसे हुई थी एंट्री

शर्मा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत एबीवीपी की कवर्धा शहर इकाई के संयुक्त संयोजक के रूप में की थी. साल 2004 से 2010 तक, उन्होंने भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) की कबीरधाम जिला इकाई का नेतृत्व किया. उन्होंने 2016 से 2020 तक भाजयुमो की छत्तीसगढ़ इकाई के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया. 2020 में, उन्हें कबीरधाम जिला पंचायत के सदस्य के रूप में चुना गया.

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चुनाव में बीजेपी ने ऐसे किया प्रचार

साल 2021 में कवर्धा में हुई सांप्रदायिक घटना ने इस विधानसभा सीट की पूरी सियासत बदल दी थी. इसके बाद इस सीट पर बीजेपी ने विशेष ध्यान दिया. असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ जैसे नेताओं ने यहां प्रचार अभियान में शिरकत की और तब के विधायक अकबर के खिलाफ मोर्चा खोला. वहीं विजय शर्मा भी अपने बयानों में अक्सर अकबर को घेरते नजर आए.

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