छत्तीसगढ़ कैबिनेट का जल्द होगा विस्तार, ये ‘नए’ और ‘पुराने’ चेहरे हो सकते हैं शामिल!

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Chhattisgarh Cabinet Expansion- छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्रियों की शपथ के बाद अब लोगों की निगाहें मंत्रिमंडल विस्तार पर है. इस बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Vishnu Deo Sai) ने सोमवार को कहा कि राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द ही किया जाएगा और इसमें पुराने और नए दोनों चेहरे शामिल होंगे. सीएम के इस बयान के बाद नए और पुराने चेहरों को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया है.

नई दिल्ली से लौटने के बाद रायपुर के स्वामी विवेकानन्द हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात करते हुए साय ने कहा, “कल शाम मैं दिल्ली गया था. वहां मैंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की और कुछ चर्चाएं कीं. राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार बहुत जल्द किया जाएगा.”

बता दें कि साय ने 13 दिसंबर को साय ने दो डिप्टी सीएम अरुण साव और विजय शर्मा के साथ राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. इसके बाद कैबिनेट में दस और सदस्यों को शामिल किया जा सकता है.

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नए-पुराने चेहरों पर फंसा पेंच?

कैबिनेट में नए चेहरों को शामिल करने के बारे में पूछे जाने पर सीएम ने कहा, “यह पुराने और नए चेहरों का मिश्रण होगा. हमें कैबिनेट (विस्तार) के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा लेकिन यह जल्द ही किया जाएगा.” बता दें कि इस बार बीजेपी की ओर से कई कद्दावर नेता चुनाव जीतकर आए हैं. वहीं कई नए और लोकप्रिय चेहरे भी विधायक चुने गए हैं. ऐसे में बीजेपी के लिए मंत्रिमंडल बनाना किसी टेढ़ी खीर से कम नहीं है.

किसानों को भी मंत्रिमंडल का इतंजार

मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर किसी की भी दिलचस्पी आम बात है, लेकिन प्रदेश के किसान जल्द से जल्द कैबिनेट विस्तार की प्रतीक्षा में हैं. दरअसल, किसान धान खरीदी को लेकर चिंतित हैं. धान खरीद प्रक्रिया जारी होने के कारण प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान 3,100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदने के भाजपा के वादे को लेकर किसान संशय में हैं. हालांकि इस पर सीएम साय ने कहा कि ‘मोदी की गारंटी’ (अपनी पार्टी के चुनावी घोषणापत्र का जिक्र करते हुए) के तहत किया गया वादा पूरा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि वादे के मुताबिक भुगतान और खरीद की जाएगी.

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मंत्री पद की रेस, इन चेहरों की चर्चा!

संवैधानिक मानदंडों के अनुसार, 90 सदस्यीय विधानसभा वाले छत्तीसगढ़ में सीएम सहित अधिकतम 13 मंत्री हो सकते हैं. इसे लेकर सियासी गलियारों में कई नए-पुराने नामों का चर्चा जारी है. बृजमोहन अग्रवाल और अमर अग्रवाल (दोनों सामान्य वर्ग से), धरमलाल कौशिक और अजय चंद्राकर (ओबीसी), केदार कश्यप और विक्रम उसेंडी (अनुसूचित जनजाति), दयालदास बघेल (अनुसूचित जाति) और राजेश मूणत (जैन समुदाय) के नाम साय कैबिनेट में संभावित मंत्री के रूप में चल रहे हैं.  धरमलाल कौशिक को छोड़कर ये सभी नेता राज्य की पिछली भाजपा सरकारों में मंत्री रह चुके हैं.

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वहीं संभावित नए चेहरों के रूप में आईएएस अधिकारी से नेता बने ओपी चौधरी, गजेंद्र यादव (दोनों ओबीसी) और डोमनलाल कोर्सेवाड़ा (एससी) के नामों की भी राजनीतिक हलकों में चर्चा है.

महिला नेताओं की बात करें तो पूर्व केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह, पूर्व सांसद गोमती साय और पूर्व प्रदेश मंत्री लता उसेंडी का नाम चर्चा में है. तीनों आदिवासी समुदाय से हैं. बहरहाल, अब किन चेहरों को साय कैबिनेट में जगह मिलती है, यह मंत्रिमंडल विस्तार के बाद ही पता चलेगा.

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