छत्तीसगढ़ चुनाव: सीएम बघेल ने मोदी सरकार पर किए तीन हमले, ‘नेहरु’ पर की BJP की खिंचाई

धर्मेन्द्र महापात्र

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Chhattisgarh Elections 2023- छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) भाजपा (BJP) के खिलाफ हमले तेज कर दिए हैं. उन्होंने परिवारवाद, अडानी और आदिवासियों की जमीनों को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. वहीं दिल्ली के नेहरु मैमोरियल म्यूजियम का नाम प्राइम मिनिस्टर म्यूजियम सोसाइटी रखे जाने के सवाल पर उन्होंने भाजपा की खिंचाई की है. बस्तर दौरे पर आए सीएम बघेल ने कहा कि भाजपा नेहरू का अस्तित्व नहीं मिटा सकती.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भाजपा हर जगह इस तरह के काम कर रही है. उन्होंने कहा कि वे खुद बनाए, नाम रखे तो समझ में आता है लेकिन वे लोग नेहरु का नाम मिटाना चाहते हैं. बघेल ने आगे कहा, “जवाहरलाल नेहरु ऐसे नहीं हैं जिनका अस्तिव मिटाया जा सके.”

मुख्यमंत्री मंगलवार को जगदलपुर ‘युवा संग भेट मुलाकात’ कार्यक्रम में शामिल होने आए थे. उन्होंने आगे कहा कि युवाओं के नक्सलियों के संगठन में भर्ती होने में कमी आई है. सरकार के लोक कल्याणकारी योजनाओं से युवा प्रभावित हो रहें हैं और उनसे दूर हो रहे है.

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परिवारवाद पर पीएम से सवाल

परिवारवाद के सवाल पर सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री जी बोलते हैं कांग्रेस में परिवारवाद है. बस्तर में स्व. बलीराम कश्यप के दो-दो पुत्र एक सांसद और एक मंत्री रहे हैं. रमन सिंह के बेटे को सासंद का टिकट दिया गया. राजनाथ सिंह के बेटे को टिकट दिया गया. गृहमंत्री के बेटे क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष बन के बैठे हैं.

सभी खदानें अडानी को क्यों?

भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, “वे भ्रष्टाचार की बात हमसे कहते हैं ,सारी खदानें अडानी को क्यों जाती हैं.सारे एअरपोर्ट एक ही व्यक्ति को क्यों दिया जा रहा है? कोयला,आयरन सभी खदानें अडानी को दी गई हैं. हम रोक लगाने जाते है तो सबसे ज्यादा छापा छतीसगढ़ में पड़ता है.”

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सीएम ने आरोप लगाया, “भ्रष्टाचार भाजपा करती है और आरोप हम पर लगाया जाता है.”

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‘किसी भी आदिवासी की जमीन हम उन्हें लेने नही देगें’

सीएम ने बस्तर के संदर्भ में बोलते हुए कहा कि बस्तर में खदानें हैं,लघु वनोपज हैं. यहां से आयरन बाहर चला जाता है.  इंडस्ट्री बाहर है,रोजगार भी बाहर मिल रहे हैं.अगर इंडस्ट्री यहीं लगे तो यहां के लोगों को रोजगार मिले यह कोशिश होनी चाहिए. बशर्ते किसी भी आदिवासी की जमीन हम उन्हें लेने नही देगें. सरकारी जमीनों में ही इंडस्ट्री लगनी चाहिए.

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