कौन बनेगा सीएम? खत्म होगा सस्पेंस; रविवार को भाजपा विधायकों की बैठक

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Chhattisgarh Next CM-  छत्तीसगढ़ में विधायक दल का नेता चुनने के लिए भाजपा के नवनिर्वाचित 54 विधायकों की बैठक रविवार को होगी. जो विधायक दल का नेता चुना जएगा वह अगला मुख्यमंत्री बनेगा.

बैठक के बाद मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर सस्पेंस खत्म होने की संभावना है. भगवा पार्टी ने पिछले महीने के विधानसभा चुनाव से पहले अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की थी.

पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष अरुण साव ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा,  “भाजपा विधायक दल की बैठक रविवार को होगी. पार्टी के तीन पर्यवेक्षक – केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और सर्बानंद सोनोवाल, और पार्टी महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम बैठक में उपस्थित रहेंगे.

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उन्होंने कहा कि भाजपा के छत्तीसगढ़ प्रभारी ओम माथुर, केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया और राज्य के लिए पार्टी के सह-प्रभारी नितिन नबीन भी वहां मौजूद रहेंगे.

बता दें कि बीजेपी ने राज्य की 90 में से 54 सीटें जीतीं, वहीं 2018 में 68 सीटें जीतने वाली कांग्रेस 35 सीटों पर सिमट गई. विधानसभा चुनाव में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) एक सीट जीतने में कामयाब रही.

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रमन नहीं तो कौन?

यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर भाजपा पार्टी के दिग्गज नेता रमन सिंह जो 2003 से 2018 तक तीन बार सीएम रह चुके हैं उनको नहीं चुनती है, , तो वह किसी ओबीसी या आदिवासी मुख्यमंत्री को चुनेगी.

 

दौड़ में ये आदिवासी चेहरे

पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णु देव, विधायक चुने जाने के बाद केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने वाली रेणुका सिंह, राज्य के पूर्व मंत्री रामविचार नेताम और लता उसेंडी और विधानसभा के लिए चुने जाने के बाद सांसद पद से इस्तीफा देने वाली गोमती साय को आदिवासी समुदाय से दावेदार रूप में देखा जा रहा है.

 

आदिवासी पर दांव क्यों?

राज्य की आबादी में आदिवासी समुदायों की हिस्सेदारी 32 फीसदी है और बीजेपी ने इस बार अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित 29 सीटों में से 17 सीटें जीतीं. सूरजपुर जिले की अनारक्षित प्रेमनगर सीट से भी पार्टी का एक आदिवासी उम्मीदवार जीता. विशेष रूप से, भाजपा ने 2018 में आदिवासियों के लिए आरक्षित केवल तीन सीटें जीती थीं.

 

सरगुजा से होगा अगला सीएम?

भाजपा ने आदिवासी बहुल सरगुजा संभाग में जीत हासिल की- कांग्रेस ने 2018 में संभाग की सभी 14 सीटें जीती थीं- जिसे राज्य में उसकी शानदार जीत की कुंजी के रूप में देखा जा रहा है. विष्णुदेव साय, रेणुका सिंह, रामविचार नेताम और गोमती साय इसी संभाग से हैं.

 

साव की दावेदारी भी मजबूत

राज्य भाजपा प्रमुख अरुण साव, जिन्होंने विधायक चुने जाने के बाद सांसद पद से इस्तीफा दे दिया और नौकरशाह से नेता बने ओपी चौधरी, दोनों अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से हैं, भी संभावित सीएम उम्मीदवारों में से हैं.

साव प्रभावशाली साहू (तेली) समुदाय से आते हैं जिनकी दुर्ग, रायपुर और बिलासपुर संभाग में बड़ी उपस्थिति है. राज्य की आबादी में ओबीसी की हिस्सेदारी करीब 45 फीसदी है.

 

 

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