नग्न प्रदर्शन पर बवाल: कांग्रेस-भाजपा ने एक-दूसरे को ठहराया कुसूरवार, रमन सिंह ने कहा- साहस हो तो इन युवाओं से बात कर लीजिए…

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छत्तीसगढ़ विधानसभा के पास युवाओं के नग्न प्रदर्शन को लेकर सत्तारुढ़ कांग्रेस और मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा एक दूसरे पर आरोप लगा रही हैं. एक तरफ जहां भूपेश सरकार इसका सारा ठिकरा  पिछली भाजपा सरकार पर फोड़ रही है, तो वहीं भाजपा इस मामले में मौजूदा सरकार को घेरने में जुटी है. बता दें कि प्रदेश में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले को लेकर मंगलवार को एससी-एसटी वर्ग के युवाओं ने नग्न प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी युवाओं ने नग्न होकर राजधानी रायपुर में विधानसभा की ओर कूच करने के इरादे से पैदल मार्च किया. हालांकि विधानसभा के पास पुलिस ने उनको हिरासत में ले लिया गया. प्रदर्शनकारी युवा फर्जी जाति प्रमाणपत्र मामले में कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

फर्जी जाति प्रमाणपत्र मामले में नगरीय विकास मंत्री शिव डहरिया ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार को जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा कि भाजपा के डॉ. रमन सिंह के 15 साल के कार्यकाल में बहुत सारे लोगों ने फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पा ली है. लेकिन नौकरी पाने के बाद उन्हें सीधा नहीं हटाया जा सकता. उन्हें नोटिस दिया गया था. जांच की कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि बहुत सारे लोगों ने कोर्ट में याचिका दायर कर दी थी. कोर्ट ने बहुत सारे मामलों में स्टे भी दिया है. जिन मामलों में कोर्ट में स्टे है उसमें सरकार तुरंत कैसे कार्रवाई कर सकती है? डहरिया ने कहा, “इस मामले को हम शुरू से देख रहे हैं. बहुत लोगों के खिलाफ जांच भी हुई है और उनको हटाया भी गया है.”

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने पलटवार करते हुए कहा, “सरकार के खिलाफ आक्रोश चरम स्तर को पार कर चुका है. सरकार को गए 5 साल हो गए हैं, अनियमितता थी तो इन्होंने ठीक क्यों नहीं किया. कांग्रेस सरकार कब तक  राग अलापती रहेगी. आज का दृश्य दुखद है. यहर सरकार की अपार असफलता का प्रमाण है.”

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उन्होंने सीएम भूपेश बघेल को संबोधित करते हुए ट्वीट किया, “दाऊ  जी एससी/एसटी वर्ग के यह युवा आज सड़कों पर अपनी व्यथा लिए उसी दशा में प्रदर्शन कर रहे हैं, जिस दशा में आपकी सरकार ने इन्हें पहुँचा दिया है.पिछले दिनों स्क्रिप्टेड युवा संवाद चला था, अब साहस हो तो इन युवाओं से बात कर लीजिये.”

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव ने ट्वीट किया, “छत्तीसगढ़ के अनुसूचित वर्गों के साथ शोषण प्रति दिन बढ़ता ही जा रहा है. विधानसभा के बाहर सड़कों पर एसटी/एससी वर्ग के युवा गूंगी-बहरी सरकार से फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले मे त्रस्त होकर नग्न प्रदर्शन करते रहे. विधानसभा के अंदर मुखिया से सवाल पूछा तो, थैंक्यू बोलकर चल दिए.”

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छत्तीसगढ़ भाजपा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, “भूपेश सरकार की नजरअंदाजी से परेशान एसटी-एससी वर्ग के युवा राजधानी रायपुर में नग्न प्रदर्शन करने को हुए मजबूर. 267 फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवा कर सरकारी नौकरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही भूपेश सरकार?”

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जानें क्या है पूरा मामला?

छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से प्रदेश के कई विभागों को शिकायतें मिली थी कि, गैर आरक्षित वर्ग के लोग आरक्षित वर्ग के कोटे का शासकीय नौकरियों और राजनैतिक क्षेत्रों में फायदा उठा रहे है. इसे लेकर राज्य सरकार नें उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति गठित भी की थी जिसके रिर्पोट के आधार पर सामान्य प्रशासन विभाग ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी कर रहे अधिकारी कर्मचारियों को कई अहम पदों से फौरन हटा उन्हें बर्खास्त करने के आदेश जारी कर दिए. लेकिन युवाओं का गुस्सा तब बढ़ा जब यह आदेश सिर्फ खानापूर्ति साबित हुआ. इस आदेश को अमल में नहीं लाया गया और फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी करने वाले कुछ लोग सेवानिवृत तक हो गए. वहीं जारी फर्जी प्रमाण पत्र धारकों की सूची में ऐसे ज्यादातर लोग हैं जो सरकारी फरमान को अमली जामा नहीं पहनाए जाने की वजह से अब भी विभिन्न पदों पर सेवाएं दे रहे हैं. इस मामले को लेकर लंबे समय से अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के युवाओं में आक्रोश है. बीते दिनों वे आमरण अनशन पर भी बैठ गए. लेकिन प्रदर्शन के दौरान आंदोलनकारियों की तबीयत बिगड़ने और शासन-प्रशासन के उदासीन रवैये की वजह से मानसून विधानसभा सत्र में निर्वस्त्र होकर प्रदर्शन करने की चेतावनी दी थी.

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