Bijapur naxal encounter: लखमा ने बीजेपी पर लगाए गंभीर आरोप, कर दी ये मांग

ChhattisgarhTak

ADVERTISEMENT

कवासी लखमा
कवासी लखमा
social share
google news

Bijapur naxal encounter: बस्तर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी कवासी लखमा (kawasi lakhma) ने बीजापुर मुठभेड़ को लेकर साय सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. वहीं घटना की जांच की मांग भी की है. बता दें कि पुलिस ने दावा किया है कि बीजापुर के पीड़िया में 10 मई को एक मुठभेड़ में 12 नक्सली मारे गए. हालांकि ग्रामीणों का आरोप है कि उसमें ज्यादातर लोग आम नागरिक थे. 

कवासी लखमा ने कहा कि हाल ही में पुलिस ने दावा किया है कि उन्होंने माओवादियों को मारा है. लेकिन लोगों के बीच से बात निकल कर आ रही है कि जो लोग मारे गए  हैं वो तेंदू पत्ता तोड़ने गए ग्रामीण थे. लखमा ने कहा कि 16 मई को जगदलपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, से आदिवासी समाज पीड़िया (Pidea encounter) जाएंगे प्रशासन-शासन को ज्ञापन देंगे. साथ ही मुख्यमंत्री से मिलने की कोशिश करेंगे. कांग्रेस नेता ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों के साथ-साथ समाज को भी सामने आना जरूरी है क्योंकि ऐसे में धीरे-धीरे आदिवासी समाज विलुप्त हो जाएगा. 

आदिवासियों को नहीं है 'साय' सरकार का सपोर्ट- लखमा

लखमा ने दावा किया कि उनकी सरकार 5 साल थी और बहुत हद तक निर्दोष लोगों को बचाया है और 1700 लोगों को जेल से छुड़ाया. भारतीय जनता पार्टी  के आने के बाद लगातार आदिवासियों पर हमला हो रहा है. लखमा ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि आदिवासियों की कोई सुनवाई नहीं हुई तो हमारा समाज आंदोलन करेगा. उन्होंने कहा कि आदिवासी मुख्यमंत्री बनने के बाद आदिवासियों  ने सोचा कि आदिवासियों को बल मिलेगा लेकिन सरकार कोई सपोर्ट नहीं कर रही है. सरकार बनने के बाद अफसरों का रंग बदल चुका है. बीजेपी पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी जन्मजात आदिवासियों की दुश्मन है. सरकार नक्सलाइट के नाम पर आदिवासियों की दुर्दशा कर रही है. 

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

लखमा ने लगाए पुलिस वालों पर आरोप 

आदिवासी नेता ने कहा कि पुलिस वाले रास्ता दिखाने ने नाम से गांव वालों को जंगल में लेजा कर मार देते हैं. उन्होंने साल 2007-08 के दौरान हुए सिंगराम घटना की तुलना पीड़िया एनकाउंटर से की है. 


घटना की जांच होगी

कवासी लखमा ने पीड़िया एनकाउंटर मामले में सरकार से जांच की मांग की. उन्होंने कहा कि सरकारी स्तर पर जांच हो और दूध का दूध और पानी का पानी हो. उनका कहना है कि जांच की रिपोर्ट उन्हें, कलेक्टर, आईजी, एसपी, और मुख्यमंत्री को देना होगा.   

ADVERTISEMENT

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT