मोहम्मद अकबर पर जमकर बरसीं भावना बोहरा, पूर्व मंत्री से पूछ लिया ये हिसाब!
पूर्व मंत्री के संपत्ति वाले बयान पर भावना बोहरा की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि मोहम्मद अखबर को किस बात से आपत्ति है? मैंने बच्चों को गोद लिया इससे या मेरे पास जो संपत्ति है उससे.
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Bhawna Bohra on Mohammad Akbar: कवर्धा के कुकुदर सड़क हादसे में बीते महीने 19 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद पंडरिया से बीजेपी विधायक भावना बोहरा ने 24 बच्चों को गोद लिया था. इसके बाद इन बच्चों के गोद लेने पर पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा था कि गोद लेने वाले की संपत्तियों में बच्चों का अधिकार होगा.अब पूर्व मंत्री के बयान पर भावना बोहरा की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि मोहम्मद अखबर को किस बात से आपत्ति है? मैंने बच्चों को गोद लिया इससे या मेरे पास जो संपत्ति है उससे.
बता दें, पिछले महीने पंडरिया विधानसभा के ग्राम वाहपानी में पिकअप वाहन के खाई में गिर जाने से ग्राम सेमरहावसे तेंदू पत्ता तोड़ने गए 20 लोगों की मौत हो गयी थी.इस पर क्षेत्र की विधायक भावना बोहरा ने मृतकों के 24 बेटे-बेटियों कों सामाजिक रुप से गोद लिया था. विधायक ने उनके शिक्षा, रोजगार, शादी तक समस्त पालन पोषण की जिम्मेदारी ली है.भावना बोहरा के इस कदम को सभी लोगों ने सराहा था.
मोहम्मद अकबर ने बताया कानून!
इसे लेकर छत्तीसगढ़ के पूर्व परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि गोद लेने वाले की संपत्तियों में बच्चों का अधिकार होगा. पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर ने कानूनी प्रावधानों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि देश में दूसरों की संतानों को गोद लेने के लिए ‘हिन्दु दत्तक ग्रहण और भरण- पोषण अधिनियम 1959’ लागू है. इस अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार गोद लेने के लिए कई शर्तों की पूर्ति होना जरूरी है. उन्होंने कहा कि गोद ले लिए जाने के बाद दत्तक पुत्र या पुत्री का गोद लेने वाले की संपत्ति में उसी प्रकार से अधिकार होगा जैसे कि वह उसी कुटुंब का जन्मा हो.
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भावना बोहरा ने किया पलटवार
पूर्व मंत्री की बातों का जवाब देते हुए कहा, 'मोहम्मद अकबर को किस बात कीआपत्ति है ? मैंने बच्चों को गोद लिया इस बात से है ? या मेरे पास जो संपत्ति है उससे है ? पिछले 6 महीने से विधानसभा चुनाव में हार के बाद मोहम्मद अकबर नाम का व्यक्ति है कहां? पहले 60 हजार वोट से जीते थे. 5 साल में क्या किया सिर्फ जंगलो को काटा. पूर्व मंत्री रहे हैं, लोकसभा चुनाव में क्यों नहीं आए. शीर्ष के नेता ने चुनाव लड़ा लेकिन उन्होंने मना कर दिया. मतलब कोई व्यक्ति यदि अच्छा काम कर रहा है उस पर राजनीति करके क्या साबित करना चाहते हैं.मोहम्मद अकबर पहले ये बताए कि मंत्री रहते वे सेमरहा कितनी बार आए?'
भावना बोहरा ने बच्चों को गोद लेने को लेकर कहा, 'जरुरी नहीं है कि हर बात को पेन पेपर पर लिख कर दिया जाए. मेरे क्षेत्र की जनता मुझ पर विश्वास करती है. मुझे ख़ुशी इसी बात की है ये मेरा वचन है कि उन बच्चों की शिक्षा, रोजगार, शादी तक की समस्त जवाबदारी मेरी है. मैं उनके हर सुख दुःख में साथ हूं.पूरा पंडरिया विधानसभा क्षेत्र मेरा परिवार है.'
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