कौन हैं दीपक बैज जिन्हें मिली प्रदेश कांग्रेस की कमान? जानिए, पार्टी ने क्यों जताया इस युवा नेता पर भरोसा

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बस्तर के आदिवासी कांग्रेस नेता दीपक बैज का कद पार्टी में बढ़ गया है.दीपक को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है.दीपक बस्तर लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं. बैज को अध्यक्ष बनाये जाने की कवायद पिछले 4 माह से चल रही थी.बुधवार को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के.सी वेणुगोपाल ने बैज के नाम का ऐलान किया.चुनाव से पहले कांग्रेस ने आदिवासी कार्ड को छेड़े बगैर दीपक को अध्यक्ष बनाने का फैसला किया है. दीपक बैज छत्तीसगढ़ के अब तक के सबसे युवा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बन गए हैं.41 वर्षीय दीपक को पाटी ने अहम जिम्मेदारी सौंपी है. इस नियुक्ति के साथ पार्टी ने आदिवासियों के साथ ही युवाओं को भी साधने की कोशिश की है. चुनाव में अभी लगभग 4 महीने का वक्त बचा हुआ है और इससे पहले इस नियुक्ति को कांग्रेस के नजरिए से बेहद खास माना जा रहा है. दीपक की नियुक्ति की तस्वीर उसी वक्त साफ होनी शुरू हो गई थी जब वे दिल्ली दरबार के करीब दिखना शुरू हुए थे. लगभग 4 महीने पहले उन्होंने दिल्ली में पीसीसी प्रभारी कुमारी शैलजा से भी मुलाकात की थी और माना जा रहा था कि इसके बाद ही दीपक की नियुक्ति की कवायद दिल्ली से शुरू हुई, लेकिन दीपक के नाम को लेकर रायपुर में उन्हें स्वीकार करने की स्थिति नहीं बन पा रही थी.यही वजह थी कि दिल्ली लगातार जाने और नेताओं से मिलने के बाद भी नाम फाइनल नही हो पा रहा था. कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि रायपुर के कुछ बड़े नेता दीपक को कमान सौंपे जाने के पक्ष में नहीं थे वे बस्तर को छोड़ रायपुर या फिर किसी दूसरे इलाके से अध्यक्ष चाहते थे.नेताओं को मनाने में दो महीने का वक्त लगा और आखिरकार चुनाव से पहले कांग्रेस संगठन में दीपक की लौ जल उठी.

 अब डैमेज कंट्रोल की कवायद भी शुरू

कांग्रेस में अब इस बात की चर्चा जोरों पर है कि मोहन मरकाम को हटाए जाने के बाद अब पार्टी उन्हें कोई दूसरा बड़ा पद देकर उपकृत करने जा रही है. मरकाम की पिछले सालभर से जो नाराजगी सामने आई है उसे भी मैनेज करने की कोशिश की जाएगी.मोहन मरकाम वर्तमान में कोंडागांव के विधायक है और यहां से वे दो बार विधायक चुने गये हैं.चुनाव से चार महीने पहले मरकाम की सत्ता में एंट्री की संभावना प्रबल होती दिख रही है.इस बीच कैबिनेट के 12 मंत्रियों के काम-काज की भी आलाकमान समीक्षा कर रहा है. एक-दो मंत्रियों की छुट्टी भी चुनाव से पहले तय मानी जा रही है.

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छात्र नेता से शुरू से शुरू हुआ था राजनीतिक कैरियर

दीपक का जन्म लोहांडीगुड़ा ब्लॉक के गढिया गांव स्व. बीआर बैज और लक्ष्मी बाई बैज के घर 14 जुलाई 1981 को हुआ.दीपक डबल एमए हैं.उन्होंने राजनीतिक शास्त्र के साथ ही अर्थशास्त्र में एमए किया है.उनके पास वकालत की भी डिग्री है उन्होंने अपनी पढ़ाई लौंहडीगुड़ा जगदलपुर कॉलेज में की है. दीपक बैच की पत्नी पूनम पेशे से सरकारी स्कूल में शिक्षिका है और उनकी दो बेटियां और एक बेटा है.छात्र राजनीति से शुरुआत करने वाले प्रबल प्रवक्ता दीपक ने महज 15 साल में ही यह बड़ा पद हासिल किया है. 2008 में पहली बार उन्हें संगठन में पद मिला और वे एनएयूआई के बस्तर जिला अध्यक्ष बने. इसके बाद 2009 में युवा कांग्रेस के महासचिव की जिम्मेदारी मिली.इस बीच 2009 से 2014 तक वे लोहांडीगुड़ा ब्लॉक कांग्रेस के कार्यकारी और पूर्णकालिक अध्यक्ष भी रहे.पहली बार उन्हें 2013 में चित्रकोट विधानसभा से टिकट मिली.जिसमें उन्होंने जीत हासिल की. 2018 में वे दोबारा इसी सीट से विधायक बने. वर्ष 2019 में बस्तर लोकसभा से कांग्रेस का प्रत्याशी बनाया गया था.मोदी लहर के बावजूद भी दीपक बैज ने लोकसभा चुनाव 38 हजार 982 वोटों से जीता.

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