Bhojraj Nag Profile: मंडावी का टिकट काट BJP ने भोजराज नाग पर जताया भरोसा, बचा पाएंगे कांकेर सीट?

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बीजेपी ने कांकेर से सीटिंग सांसद मोहन मंडावी का टिकट काट भोजराज नाग को उम्मीदवार बनाया. आखिर कौन है भोजराज नाग जिसपर पार्टी ने दांव खेला है. देखें खास रिपोर्ट

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Bhojraj Nag Profile: 25 साल से बीजेपी जिस सीट पर जीत की हैट्रिक लगाते आ रही है वहां पार्टी ने एक बार फिर बड़ा प्रयोग किया. महीने भर से सोशल मीडिया पर छाए सिटिंग सांसद मोहन मंडावी का टिकट काट भोजराज नाग को उम्मीदवार बनाया. आखिर कौन हैं भोजराज नाग जिस पर पार्टी ने दांव खेला है. देखें गढ़ के उम्मीदवार-

बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी है. इसी के साथ कांकेर लोकसभा प्रत्याशी के लिए लगाई जा रही तमाम अटकलों पर फूल स्टॉप भी लग चुका है. इस सीट पर लगातार जीत दर्ज करते आ रही बीजेपी ने सिटिंग सांसद मोहन मंडावी को रिपीट ना करते हुए नए चेहरे को मैदान में उतारा. बीजेपी ने अंतागढ़ से पूर्व विधायक भोजराज नाग को अपना प्रत्याशी बनाया. नाग अपने तेज तर्रार अंदाज के लिए जाने जाते हैं. इसके अलावा नाग धर्मांतरण को लेकर लगातार अपनी आवाज भी उठाते रहे हैं.

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1992 में सरपंच बने थे नाग, अब बने सांसद उम्मीदवार

भोजराज नाग के राजनीतिक सफर पर नजर डालें तो नाग ने अपने राजनीति की शुरुआत साल 1992 में सरपंच के रूप में की थी. साल 2000 से साल 2005 तक वे अंतागढ़ जनपद पंचायत के अध्यक्ष रहे. फिर साल 2009 से 2014 तक जिला पंचायत सदस्य भी रहे. इस दौरान नाग 2007 से 2010 तक जनजाति सुरक्षा मंच के प्रांत संगठन मंत्री भी रहे. इसके अलावा भोजराज नाग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता भी रह चुके हैं. साल 2014 में हुए विधानसभा उपचुनाव में भोजराज नाग ने बीजेपी के टिकट से चुनाव लड़ा, जिसमें उनके अपोजिट कांग्रेस के टिकट से मंतूराम पवार चुनावी मैदान में उतरे थे. लेकिन अंतिम समय में मंतूराम पवार ने अपना नामांकन वापस ले लिया, जिसके चलते भोजराज नाग को वॉक ओवर मिल गया, भोजराज नाग को इस चुनाव में 36616 वोट मिले थे.

धर्मांतरण को लेकर मुखर रहे हैं नाग

साल 2018 के चुनाव में भोजराज नाग का टिकट काट दिया गया था. साल 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में भी भोजराज नाग ने टिकट मांगा था लेकिन पार्टी ने उन्हे टिकट नहीं दिया. इसके बावजूद वे बीजेपी संगठन से जुड़कर कार्य करते रहे. पार्टी के प्रति उनकी इसी वफादारी को देखते हुए बीजेपी ने उनको लोकसभा भेजने का फैसला लिया.

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भोजराज नाग आक्रामक शैली के लिए जाने जाते हैं. नाग बस्तर में लगातार आदिवासी धर्मांतरण के खिलाफ आंदोलन करते रहे हैं. बस्तर में धर्मांतरण के विरोध में निकाली गई रैली और आंदोलन के मुख्य नेतृत्वकर्ता रहे हैं.जून 2022 में कांकेर जिले के पखांजूर में किसान आंदोलन को समर्थन देते हुए नाग ने अपनी गिरफ्तारी दी थी.

टफ है कांकेर की लड़ाई

कांकेर लोकसभा सीट से साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में कांटे की टक्कर देखी गई थी. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के कारण कांग्रेस ने बस्तर में पूरी ताकत झोंक दी थी इसके बाद भी मोदी लहर के चलते भाजपा ने कांकेर लोकसभा सीट से 7 हजार से कम वोटों से जीत हासिल की.

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