बलौदा बाजार हिंसा: चंद्रशेखर दिखाएंगें सतनामी समाज के साथ एकजुटता, 4 जुलाई को आएंगे छत्तीसगढ़

ADVERTISEMENT

Bhim Army chief Chandra Shekhar Azad
Chandra Shekhar Azad
social share
google news

Baloda Bazar violence: बलौदा बाजार हिंसा को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा. एक ओर जहां इस मामले को लेकर लगातार आरोपियों की गिरफ्तारी है तो वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर साय सरकार पर हमलावर है. सतनामी समाज (Satnami community) का आक्रोश भी इस पूरे मामले में अब भी बना हुआ है. लिहाजा अब इसकी गूंज प्रदेश के बाहर भी सुनाई देने लगी है. देश के कई दलित नेता भी इस पूरे मुद्दे में सतनामी समाज के साथ अपनी एकजुटता दिखाने लगे हैं. इसी कड़ी में अब नगीना सांसद और भीम आर्मी प्रमुख चंद्र शेखर आजाद (Chandrashekhar Azad) भी छत्तीसगढ़ का दौरा करेंगे.

आजाद समाज पार्टी के प्रमुख आजाद 4 जुलाई को बिलाईगढ़ के ग्राम पंचायत भटगांव में आमसभा करेंगे. इस आमसभा में बड़ी संख्या में सतनामी समाज के लोगों के जुटने की संभावना है. चंद्रशेखर आजाद ने इसका ऐलान काफी पहले ही कर दिया था.

 

ADVERTISEMENT

सतनामी समाज को मिला इन नेताओं का साथ

आजाद कई मौकों पर सतनामी समाज की आवाज को दिल्ली में बुलंद करने की बात कर चुके हैं. इसके अलावा बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी इस पूरे मामले में सतनामी समाज के लिए चिंता जाहिर की थी और साय सरकार से समाज के लोगों की निशर्त रिहाई की मांग की थी. वहीं क्षेत्रीय पार्टी जेसीसीजे के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने भी बलौदा बाजार हिंसा मामले को लेकर 1 जुलाई से आमरण अनशन करने का ऐलान किया था.

ऐसे में अब साय सरकार इस पूरे मामले में विपक्षियों से चौतरफा घिरती नजर आ रही है.

ADVERTISEMENT

मॉब लिंचिंग को लेकर भी घिरी साय सरकार

इधर बलौदा बाजार हिंसा को लेकर उठ रही चिंगारी के बीच आरंग में हुई कथित मॉब लिंचिंग को लेकर भी राजनीति गरमाई हुई है. नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने जहां इस मामले में आरोपियों के साथ सीएम साय की फोटो होने की बात कहते हुए विधानसभा में इस मुद्दे को जोर शोर से उठाने की बात कही थी, वहीं इस मामले को लेकर भी नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने अपनी आवाज बुलंद की है.

ADVERTISEMENT

उन्होंने इस पूरे मामले को लेकर अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया,  “सात जून की दरम्यानी रात को छत्तीसगढ़ के रायपुर के आरंग क्षेत्र में मवेशी ले जा रहे चांद मियां, गुड्डू ख़ान और सद्दाम क़ुरैशी को लिंचिंग करके मार दिया गया, अभी तक सभी आरोपी गिरफ्तार तक नहीं हुए हैं. भाजपा शासित यूपी के अलीगढ़ में भी समीरुद्दीन को लिंचिंग करके मार दिया गया. मॉब लिंचिंग की ये घटनाएं चार जून के बाद हुई हैं. क्या यह टार्गेट किलिंग है? सरकार को इन घटनाओं को गंभीरता से लेना चाहिए और दोषियों को सख्त सज़ा मिले, साथ ही पीड़ित परिवारों को मुआवज़ा मिले...

बहरहाल विधानसभा सत्र के पहले इतने सारे गंभीर मुद्दों से घिरी साय सरकार अब आगे क्या कदम उठाती है, ये देखने वाली बात होगी.

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT