Bhupesh Baghel को मंच से जमकर सुनाने वाले सुरेंद्र दाऊ कौन हैं?
Bhupesh Baghel के सामने ही मंच में दमदारी से कांग्रेस कार्यकर्ताओं की तकलीफों को लेकर भड़ास निकालने वाले सुरेंद्र दास वैष्णव की गिनती कद्दावर नेताओं में होती है. सुरेन्द्र दास वैष्णव को राजनांदगांव में सुरेंद्र दाऊ के नाम से भी जाना जाता है.2018 में रमन सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए पहले ही दिन फार्म भी खरीदा था, हालांकि बाद में वे मान गए.
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Bhupesh Baghel के सामने ही मंच में दमदारी से कांग्रेस कार्यकर्ताओं की तकलीफों को लेकर भड़ास निकालने वाले सुरेंद्र दास वैष्णव की गिनती कद्दावर नेताओं में होती है. सुरेन्द्र दास वैष्णव को राजनांदगांव में सुरेंद्र दाऊ के नाम से भी जाना जाता है.2018 में रमन सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए पहले ही दिन फार्म भी खरीदा था, हालांकि बाद में वे मान गए.
राजनांदगांव में पूर्व सीएम भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के सामने ही मंच में दमदारी से कांग्रेस कार्यकर्ताओं की तकलीफों को लेकर भड़ास निकालने वाले सुरेंद्र दास वैष्णव की गिनती कद्दावर नेताओं में होती है. सुरेन्द्र दास वैष्णव को राजनांदगांव में सुरेंद्र दाऊ के नाम से भी जाना जाता है. पूरे जिले में लोग उन्हें सुरेन्द्र दाऊ के नाम से भी संबोधित करते हैं. सुरेन्द्र दाऊ राजनांदगांव के जिला पंचायत उपाध्यक्ष भी रह चुके है.भाजपा का गढ़ कहे जाने वाले राजनांदगांव में 2015 में इतिहास में पहली बार कांग्रेस से जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष जब बने थे. उस दौरान टेड़ेसरा क्षेत्र के सदस्य सुरेंद्र दास वैष्णव को जिला पंचायत उपाध्यक्ष बनाया गया था. जीत के बाद देखने में आया था कि अध्यक्ष से ज्यादा उपाध्यक्ष के जीतने पर कांग्रेसी कार्यकर्ता उत्साहित थे. उस दौरान अध्यक्ष चित्रलेखा वर्मा से ज्यादा उपाध्यक्ष सुरेंद्र दाऊ के लिए पटाखे फोड़े गए थे. किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले सुरेंद्र दास वैष्णव छात्र संघ की राजनीति में भी अव्वल रहे. रमन सरकार के 15 साल के कार्यकाल में राजनांदगांव में कांग्रेस की विपक्ष की भूमिका में भी वे लगातार एक्टिव रहे. किसानों के बीच खासी लोकप्रियता के चलते 2018 में सुरेंद्र दाउ ने डॉ रमन सिंह (Raman Singh) के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान भी किया था. रमन के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए पहले ही दिन फार्म भी खरीदा था. हालांकि बाद में वे मान गए. कांग्रेस ने 2018 में राजनांदगांव से करुणा शुक्ला को चुनाव लड़ाया था.
बता दें कि राजनांदगांव में कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान पूर्व सीएम भूपेश बघेल के सामने ही कांग्रेस नेता सुरेंद्र दास वैष्णव का दर्द झलका. पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सुरेंद्र दाऊ ने कहा दिया था कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार से सबसे ज्यादा कांग्रेस कार्यकर्ता ही प्रताड़ित रहे. सुरेंद्र यहीं नहीं रुके उन्होंने भूपेश बघेल के सामने ही कह दिया कि 'मैं डंके की चोट पर कहता हूं कि 5 साल हमारी सरकार रही, इस दौरान एक कार्यकर्ता यहां उठकर कह दें कि 5 साल में उनका एक भी काम हुआ हो. मुख्यमंत्री से मिलना तक मुश्किल था. हमारे दुख-तकलीफ में कोई साथ नहीं दिया, सिर्फ प्रताड़ित किया गया'.
अपनी भडास निकालते सुरेंद्र दाउ ने भूपेश बघेल से ही पूछा कि मुझे सिर्फ पंच सरपंच और दरी उठाने का जवाबदारी दोगे क्या? जिला और जनपद के चुनाव आने वाला है यदि इनके लिए दुर्ग भिलाई से कोई होही तो बता देव, हम लोग उनके लिए भी काम करेंगे. कांग्रेस नेता की नाराजगी पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कह दिया कि काग्रेस पार्टी एक ऐसी पार्टी है जहां कहने को छूट मिलती है सब अपनी बात रख सकते है. बड़ी बात ये है कि जब कांग्रेस नेता सुरेन्द्र दाऊ भूपेश बघेल के सामने पार्टी और अपने ही नेताओं पर हमला बोल रहे थे तब वहां मौजूद कार्यकर्ताओं ने जमकर ताली बजाई. हालांकि मंच पर मौजूद पदाधिकारी कुछ असहज दिखाई दिए. पूर्व सीएम भूपेश बघेल को राजनांदगांव लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया है. भूपेश बघेल के राजनांदगांव से चुनाव लड़ने से मुकाबला रोचक हो गया है. राजनांदगांव से ना केवल लोकसभा बल्कि विधानसभा सीट में पार्टी ने डॉ रमन सिंह के सामने गिरीश देवांगन को चुनाव लड़ाया था. इसके पहले 2018 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने करूणा शुक्ला को मैदान में उतारा था. लगातार बाहरी प्रत्याशी चुनाव मैदान में थोपे जाने से स्थानीय नेताओं की नाराजगी अब सार्वजनिक तौर पर दिखने लगी है.
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