शिव वाले बयान को लेकर खड़गे पर भड़के योगी, छत्तीसगढ़ में क्या बोल गए थे कांग्रेस अध्यक्ष?

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योगी आदित्यनाथ
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CG Lok Sabha Election: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के भगवान राम और भगवान शिव को लेकर दिए गए बयान पर सियासी बवाल मच गया है. खड़गे के इस बयान पर अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया है. बता दें, जांजगीर में शिवकुमार डहरिया के पक्ष में चुनाव प्रचार के दौरान खड़गे ने ये बयान दिया था,जिसे लेकर बीजेपी अब हमलावर है.

बता दें, मंगलवार को जांजगीर में कांग्रेस उम्मीदवार शिवकुमार डहरिया के समर्थन में एक रैली में खड़गे ने कहा था,'उनका नाम शिवकुमार है.वह राम से प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं क्योंकि वह शिव हैं. मैं भी मल्लिकार्जुन हूं.मैं भी शिव हूं. उन्होंने कहा कि मल्लिकार्जुन भगवान शिव का दूसरा नाम है.'

 'कांग्रेस के पतन की नई शुरुआत'

खड़गे के इस बयान पर बीजेपी हमलावर है. यूपी केमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'कांग्रेस की वास्तविकता सामने आ रही है. भारत की सनातन परंपरा को अपमानित करना उसको लांछित करना, भारत की आस्था के साथ खिलवाड़ करना कांग्रेस की प्रवृत्ति है. कांग्रेस अध्यक्ष को जो कांग्रेसी संस्कार में प्राप्त हुआ है वही बात वे अपने भाषणों में कह रहे हैं. भगवान शिव और भगवान राम को आपस में लड़ाने का प्रयास कर रहे हैं. उनका ये बयान अत्यंत निंदनीय है. ये कांग्रेस के पतन की नई शुरुआत है.' 

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'हिंदू आस्था के साथ खिलवाड़ कर रही कांग्रेस'

सीएम योगी ने आगे कहा कि हमारे शास्त्र इस बात के प्रमाण हैं कि शिव का द्रोही हो या राम का द्रोही हो उसका पतन अवश्य हुआ है. कांग्रेस इस तरह स्तरहीन बयान देकर आस्था के साथ खिलवाड़ कर रही है. कांग्रेस का कृत्य कांग्रेस को इतिहास बनाने की ढकेल रहा है. उन्होंने कहा कि भगवान राम और महादेव शिव कांग्रेस को सद्बुद्धि दे. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब कांग्रेस खुद को विसर्जित करने पर तुली है तो अब सच का रास्ता अपना ले. 

कांग्रेस के घोषणापत्र पर भी योगी का हमला 

इसके आगे मुख्यमंत्री योगी ने आरोप लगाया, 'आपस में बांटो और राज करो कांग्रेस की पुरानी प्रवृत्ति रही है. उसके चुनाव घोषणापत्र में भी समाज को जातीय आधार पर बांटने का प्रयास किया गया है. देश के अंदर एससी,एसटी,ओबीसी के अधिकार को वह कैसे अल्पसंख्यकों को बांटने की कुत्सित चेष्टा का हिस्सा बन रही है. इसका स्पष्ट उदाहरण कांग्रेस के मैनिफेस्टो में नजर आता है. इसीलिए कांग्रेस अपनी हार की खिसियाहट को किसी न किसी रूप में हिंदू आस्था के साथ खिलवाड़ करके व्यक्त करना चाहती है.'

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